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Congress CWC Meeting Today: राजस्थान का विवाद सुलझाने की कवायद, राहुल-प्रियंका के साथ गहलोत की बैठक में बनी रणनीति
congress cwc meeting today: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान राहुल और प्रियंका ने गहलोत से मंत्रिमंडल फेरबदल को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को कहा है।
Congress CWC Meeting Today: पंजाब के बाद अब कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने में जुट गया है। राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के जरिए पार्टी नेताओं की नाराजगी दूर करने की कवायद की जा रही है। लंबे समय से टल रहे मंत्रिमंडल विस्तार को 30 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के बाद अंजाम दिया जा सकता है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खेमे से जुड़े विधायकों को सत्ता और संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। सचिन खेमा इसके लिए काफी दिनों से हाईकमान पर दबाव बनाता रहा है।
शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति (Congress CWC Meeting Today) की बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi CWC Meeting Today) और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka CWC Meeting Today) के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक के दौरान राहुल और प्रियंका ने गहलोत से मंत्रिमंडल फेरबदल को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को कहा। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाईकमान के निर्देश पर गहलोत जल्द ही इस दिशा में कदम उठाएंगे। हालांकि गहलोत ने राजस्थान कांग्रेस से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर हाईकमान से अपने मन की बात भी कही है। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे।
उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार (Rajsthan Me Mantrimandal Vistar)
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान की ओर से राजस्थान के सभी मंत्रियों के इस्तीफे लेकर नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन करने की बात कही गई । मगर गहलोत इसके लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि मंत्री के रूप में अच्छा प्रदर्शन न करने वाले दो-तीन मंत्रियों को हटाकर मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जा सकता है। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि इस संबंध में हाईकमान का फैसला ही अंतिम होगा। उसी के अनुरूप कदम उठाया जाएगा। बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि राज्य की दो विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा। संगठनात्मक और राजनीतिक नियुक्तियों को भी नवंबर में ही अंजाम दिया जाएगा।
पायलट खेमे के बयानों का मुद्दा उठा
मौजूदा समय में गहलोत मंत्रिमंडल में 21 मंत्री हैं। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 30 तक की जा सकती है। कुछ मंत्रियों को हटाने की भी तैयारी है। ऐसे में करीब दर्जन भर नए चेहरों को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। गहलोत ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए हामी तो जरूर भरी है। लेकिन उन्होंने संकट के समय सरकार बचाने में मदद करने वाले निर्दलीय विधायकों और बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों को भी मंत्रिमंडल विस्तार (Congress Ka Mantrimandal Vistar) और राजनीतिक नियुक्तियों में तरजीह देने की बात कही।
उनका कहना था कि पार्टी में बगावत के समय इन विधायकों के समर्थन से ही राजस्थान में सरकार बची थी। इसलिए इन विधायकों की अनदेखी नहीं की जा सकती। उन्होंने पायलट खेमे से जुड़े कुछ विधायकों की ओर से लगातार की रही की जा रही बयानबाजी की ओर भी हाईकमान का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।
अभी तक नहीं खत्म हुई खींचतान
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot CWC Meeting Today) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Former Deputy CM Sachil Pilot) के खेमे के बीच खींचतान का दौर अभी तक खत्म नहीं हो सका है। पायलट ने हाल में अशोक गहलोत का नाम लिए बिना इशारों में बड़ा हमला किया था। उनका कहना था कि किसी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वह हमेशा पद पर बना रहेगा। जब जनता का मूड बदलता है, तब नेता का कहीं पता नहीं चलता। जिन लोगों को यह गुमान है कि वह अंतिम समय तक सत्ता में बने रहेंगे, वह गलतफहमी में जी रहे हैं। हालांकि पायलट ने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया है । मगर उनका इशारा साफ तौर पर गहलोत की ओर ही है।
पायलट की भी हाल के दिनों में राहुल और प्रियंका से कई बार बातचीत हो चुकी है। पार्टी हाईकमान की ओर से पायलट को भी तरजीह दी जा रही है। ऐसे में अब यह तय है कि पायलट खेमे की ओर से उठाई जा रही मांग की लंबे समय तक अनदेखी नहीं होगी। शनिवार को पार्टी हाईकमान ने गहलोत के साथ इसी सिलसिले में बैठक की है । जल्द ही इस बैठक का नतीजा दिखने की उम्मीद जताई जा रही है।