Congress Hindu Card: भाजपा के खिलाफ राहुल का हिंदू कार्ड, कांग्रेस के खिसकते जनाधार को पाने के लिए नया दांव

Congress Hindu Card: राहुल गांधी ने अपने जम्मू दौरे के दौरान भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बड़ा हमला बोला और जय माता दी के नारों के साथ अपने भाषण की शुरुआत करके जम्मू दौरे का एजेंडा भी पूरी तरह साफ कर दिया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 11 Sep 2021 7:21 AM GMT (Updated on: 11 Sep 2021 7:41 AM GMT)
Congress Hindu Card: भाजपा के खिलाफ राहुल का हिंदू कार्ड, कांग्रेस के खिसकते जनाधार को पाने के लिए नया दांव
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राहुल गांधी (फोटो साभार- ट्विटर)

Congress Hindu Card: कश्मीर दौरे के एक महीने बाद जम्मू के दो दिवसीय दौरे (Rahul Gandhi Jammu Visit) पर पहुंचे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) बिल्कुल अलग अंदाज में दिखे। अपने दो दिवसीय दौरे की शुरुआत उन्होंने माता वैष्णो देवी के दरबार (Vaishno Devi Temple) से की। वह लंबी चढ़ाई पर पैदल चलकर ही माता के दरबार में पहुंचे।

दौरे (Rahul Gandhi Jammu Daura) के दूसरे दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं (Congress Workers) के सम्मेलन में उन्होंने भाजपा (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने जय माता दी (Jai Mata Di) के नारों के साथ अपने भाषण की शुरुआत करके जम्मू दौरे (Jammu Daura) का एजेंडा पूरी तरह साफ कर दिया। जम्मू में राहुल हिंदू कार्ड (Rahul Hindu Card) खेल कर कांग्रेस की खिसक चुकी जमीन को पाने की कोशिश करते हुए दिखे।

जम्मू-कश्मीर में 2008 के बाद से ही कांग्रेस (Congress) का जनाधार लगातार खिसकता जा रहा है। खास तौर पर जम्मू इलाके में भाजपा (BJP) अब काफी मजबूत हो चुकी है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने भाजपा को जवाब देने के लिए हिंदू कार्ड (Hindu Card) खेलने की कोशिश की है। माता वैष्णो देवी की पैदल यात्रा (Paidal Yatra) को भी राहुल गांधी की इसी मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के साथ अपने पूर्वजों के नजदीकी रिश्ते का हवाला देते हुए भी लोगों का समर्थन और सहानुभूति बटोरने की कोशिश की। उन्होंने खुद को कश्मीरी पंडित बताते हुए भी घाटी के साथ अपने रिश्तों को जोड़ने की कोशिश के साथ ही कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने का प्रयास किया।

लगातार कमजोर होती जा रही है कांग्रेस

दरअसल, जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस भाजपा के मुकाबले लगातार कमजोर पड़ती जा रही है। जानकारों का मानना है कि इसी कारण अब कांग्रेस अपनी रणनीति पर नए सिरे से विचार करने पर मजबूर हुई है। 2008 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में कांग्रेस ने यहां से 17 सीटों पर जीत हासिल की थी मगर 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की 5 सीटें और घट गईं। वह 12 सीटों पर सिमट गई। विधानसभा के साथ ही लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election) में भी कांग्रेस का प्रदर्शन (Congress Ka Pradarshan) काफी निराशाजनक रहा। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस यहां से एक भी सीट नहीं जीत सकी।

दूसरी ओर कांग्रेस के मुकाबले भाजपा और मजबूत हो गई। 2002 में भाजपा को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई थी मगर 2014 में भाजपा 25 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। भाजपा के मजबूती के साथ उभरने के बाद पीडीपी ने भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी। महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) राज्य की मुख्यमंत्री (Jammu Kashmir Chief Minister) बनी थी।

हालांकि बाद में अंतर्विरोधों के चलते यह सरकार गिर गई। राज्य में राष्ट्रपति शासन (President's Rule) लागू कर दिया गया। 2019 में 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 (Article 370) समाप्त किए जाने के बाद राज्य की सियासी स्थिति में भी काफी बड़ा बदलाव आया है। परिसीमन आयोग के दौरे के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां धीरे-धीरे तेज हो रही हैं। माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने इसी कारण यहां का दौरा किया है।

राहुल गांधी जनता को संबोधित करते हुए (फोटो साभार- ट्विटर)

जय माता दी के नारे का सहारा

पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन में कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी के पैदल वैष्णो देवी की यात्रा किए जाने का कई बार जिक्र किया। कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख जीए मीर और वरिष्ठ नेता रमन भल्ला ने वैष्णो देवी के प्रति राहुल की अगाध श्रद्धा की बात कही। इन नेताओं ने कार्यकर्ताओं से जय माता दी के नारे भी लगवाए। पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक हमीद ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके बाद उसी खानदान से जुड़े राहुल गांधी ने मां का पूरी श्रद्धा के साथ दर्शन किया है।

जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी के साथ ही पार्टी के अन्य नेताओं ने भी हिंदू कार्ड के जरिए चुनाव में पार्टी की स्थिति मजबूत बनाने की कोशिश की। मजे की बात यह है कि कांग्रेस की ओर से अब नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी की तरह अनुच्छेद 370 की वापसी की मांग पर जोर नहीं दिया जा रहा। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि पार्टी जम्मू संभाग में भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसीलिए पार्टी की ओर से अब हिंदू कार्ड का सहारा लिया जा रहा है। पार्टी को अब इस बात का एहसास हो गया है कि इस संभाग में भाजपा को उसी के हथियार से ही मारा जा सकता है।

कश्मीरी पंडित का इमोशनल कार्ड

इसके साथ ही राहुल गांधी ने इमोशनल कार्ड भी खेलने की कोशिश की। उन्होंने खुद को और अपने परिवार को कश्मीरी पंडित बताते हुए उनके दर्द का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे खुद कहा कि कांग्रेस ने उनके लिए बेहतरीन कल्याण योजनाएं चलाईं मगर भाजपा ने इस दिशा में आगे कोई काम नहीं किया। उन्होंने कश्मीरी पंडितों से उनका दर्द दूर करने का वादा भी किया।

अपने भाषण के दौरान राहुल ने भाजपा और संघ पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ये दोनों मिलकर जम्मू-कश्मीर की मिली-जुली संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में आपसी प्रेम और भाईचारा है मगर भाजपा और संघ के लोग यहां की मिली-जुली संस्कृति को नष्ट करने की साजिश रचने रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों के कमजोर होने के कारण ही यहां से राज्य का दर्जा छीन लिया गया।

राहुल के बयान पर पैदा हुआ विवाद

वैसे भाषण के दौरान राहुल गांधी की ओर से भाजपा राज में दुर्गा माता, लक्ष्मी माता और सरस्वती माता की शक्तियों के कम होने के बयान पर विवाद भी पैदा हो गया है। राहुल गांधी ने माता वैष्णो देवी की पिंडियों का जिक्र करते हुए यह बात कही थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल के इस बयान के लिए उन्हें घेरते हुए कहा कि यह बयान हिंदू परंपराओं को लेकर राहुल के अल्प ज्ञान को दिखाता है।

उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि कश्मीर की समस्या के लिए कांग्रेस और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु ही जिम्मेदार हैं। कश्मीर की समस्या के लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति जिम्मेदार है। उन्होंने दावा किया कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर में स्थितियां पूरी तरह बदल गई हैं । विकास के काम काफी तेजी से हो रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश के नागरिकों के अधिकारों में असमानता भी पूरी तरह समाप्त हो गई है।

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Shreya

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