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कांग्रेस का विनोद राय पर हमला, यूपीए सरकार को बदनाम करने की साजिश का लगाया आरोप
New Delhi: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम ऑडिटर की रिपोर्ट से बाहर रखा था। विनोद राय के इस बयान के चलते संजय निरुपम ने उन पर मानहानि का मुकदमा कर दिया था।
New Delhi: शुक्रवार को भारत के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) विनोद राय (Vinod Rai) पर कांग्रेस पार्टी ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने की साजिश में शामिल होने और पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह (Former Prime Minister Manmohan Singh) के नेतृत्व वाली UPA सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया है । इसी को मद्देनज़र रखते हुए कांग्रेस ने उनसे उनके झूठ के लिए देश से माफी मांगने को कहा है।
दरअसल, मामला विनोद राय द्वारा तत्कालीन सांसद संजय निरुपम (MP Sanjay Nirupam) पर किये गए एक बयान से जुड़ा हुआ है, जिसमें अपने एक बयान में विनोद राय ने संजय निरुपम का जिक्र करते हुए कहा था कि संजय निरुपम के दबाव डालने पर उन्होनें 2G स्पेक्ट्रम आवंटन नीलामी में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम ऑडिटर की रिपोर्ट से बाहर रखा था। विनोद राय के इस बयान के चलते संजय निरुपम ने उन पर मानहानि का मुकदमा कर दिया था। जिसके जवाब में बीते दिन ही विनोद राय ने लिखित रूप में संजय निरुपम से मांफी मांगी थी।
निरुपम के मानहानि मामले के जवाब में अपने माफीनामे में विनोद राय ने कहा कि कांग्रेस नेता के खिलाफ उन्होंने जो बयान दिए थे, वे सभी तथ्यात्मक रूप से गलत थे। हालांकि इसके अलावा विनोद राय ने अपनी रिपोर्ट की विश्वसनीयता के बारे में कोई भी बात नहीं कही है। इस मुद्दे पर मीडिया से मुखतिब होते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि-"हम कांग्रेस के खिलाफ साज़िश रचने के मामले में विनोद राय सहित अन्य सभी साजिशकर्ताओं से माफी की मांग करते हैं।
अगर जल्द से इससे जुड़े लोग सामने नहीं आते हैं तो जनता खुद ही उनका अच्छे से ख्याल रखेंगी।" आगे बात करते हुए पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि हमारे सहित समस्त देशवासियों को यह मालूम है कि विनोद राय महज साज़िश का एक हिस्सा हैं, असली साज़िशकर्ता कोई और है। पूर्व CAG विनोद राय इस मामले में और कोई भी अन्य जवाब देने से बचते नज़र आ रहे हैं । वहीं भाजपा ने इस मामले पर साफ तौर से कह दिया है कि उनका इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है।