×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कांग्रेस में बदलाव की बयार, कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवाणी 28 सितंबर को थामेंगे कांग्रेस का हाथ

कांग्रेस में कन्हैया कुमार के शामिल होने का रास्ता साफ होने के बाद यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस में अब बदलाव की बयार शुरू होगी।

Rahul Singh Rajpoot
Written By Rahul Singh RajpootPublished By Divyanshu Rao
Published on: 25 Sept 2021 4:56 PM IST (Updated on: 25 Sept 2021 5:07 PM IST)
kanhaiya kumar
X

कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीएम के नेता कन्हैया कुमार की एंट्री को लेकर रास्ता साफ हो गया है। कन्हैया कुमार 28 सितंबर को दिल्ली में कांग्रेस का हाथ थामेंगे। पिछले कुछ महीने से उनके कांग्रेस में शामिल होने के लगातार खबरें आ रही थीं । लेकिन अब उनके ज्वाइनिंग की तारीख पक्की हो गई है। उनके साथ गुजरात के निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस में शामिल होंगे।

कांग्रेस में युवाओं की एंट्री

कांग्रेस में कन्हैया कुमार के शामिल होने का रास्ता साफ होने के बाद अब यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस में अब बदलाव की बयार शुरू होगी। पिछले कुछ महीने से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उन्हें कांग्रेस में शामिल करने को लेकर कांग्रेस आलाकमान से मिल चुके हैं। कांग्रेस पार्टी जिस तरह से एक के बाद एक राज्य में अपना वजूद खोती जा रही है , उससे यह साफ हो गया था कि अब उसे बड़े बदलाव के साथ जनता के बीच जाना होगा। तभी वह बीजेपी और अन्य क्षेत्रीय दलों से मुकाबला कर सकती है, जिसकी शुरुआत बिहार और गुजरात से हो रही है।

कन्हैया कुमार को जानिए?

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का जन्म बिहार के बेगुसराय में हुआ था। कन्हैया कुमार ने दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कैंपस में विवादित नारों के मामले में खूब सुर्खियां बटोरीं थी। इसी के बाद कन्हैया कुमार देश की राजनीति का हिस्सा बने । उन्होंने सीपीआई-एम, सीपीआई से अपना पहला चुनाव लड़ा।

कन्हैया कुमार अक्सर केंद्र सरकार के खिलाफ बयानों के लिए जानें जाते हैं। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव बिहार के बेगुसराय सीट से लड़ा था। लेकिन केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने उन्हें 4 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था।

कन्हैया कुमार की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

बिहार विधानसभा चुनाव में दिखे सक्रिय

कन्हैया कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव में सीपीआई-एम, सीपीआई के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई थी। कन्हैया कुमार की रैलियों में अक्सर भारी भीड़ जुटती है। यह चुनाव आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई ने मिलकर लड़ा था। इसमें सीपीआई-एम, सीपीआई ने 19 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए। 12 सीटों पर जीत दर्ज की ।ऐसे में अब कन्हैया कुमार को साथ लेकर कांग्रेस युवाओं को अपनी तरफ खींचने का प्रयास करेगी।

भूमिहार बिरादरी से आते हैं कन्हैया

कन्हैया कुमार का ताल्लुक बिहार के बेगुसराय है। बेगुसराय में भूमिहार मतदाताओं की तादाद सबसे ज्यादा है। कन्हैया कुमार भी भूमिहार है। पिछले चुनाव में वह खुद को साबित करने में विफल रहे। इसके बावजूद पार्टी मानती है कि बिहार में नए चेहरे की जरुरत है। छात्र नेता के तौर पर उन्हें संगठन बनाने का अनुभव है।

बिहार कांग्रेस के नेता अमरिंदर सिंह कहते हैं कि कन्हैया के आने से पार्टी को फायदा होगा। क्योंकि, कन्हैया बीजेपी की नीतियों और पीएम मोदी के मुखर विरोधी माने जाते हैं। वह भी वहीं मुद्दे और लड़ाई लड़ रहे हैं जिन्हें कांग्रेस उठाती रही है।

गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को जानिए

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में गुजरात में त्रिदेव ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। वह सिर्फ 99 सीटें ही अपने गढ़ में जीत पाई थी। इसमें मुख्य भूमिका निभाने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी की तिगड़ी थी। हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। वहीं, अल्पेश ठाकोर भाजपा में चले गए। पर जिग्नेश मेवाणी ने कभी कोई समझौता नहीं किया। वह लगातार भाजपा से लड़ते रहे हैं। गुजरात में सात फीसदी दलित हैं।

जिग्नेश मेवाणी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

उनके लिए 13 सीट आरक्षित हैं। पिछले चुनाव में अधिकतर आरक्षित सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। उस वक्त जिग्नेश मेवाणी अपनी सीट तक सीमित रहे थे । कांग्रेस ने उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारा था। पर मेवाणी के कांग्रेस में आने से तस्वीर बदल सकती है।



\
Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

Next Story