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Congress Politics: विपक्ष की एकजुटता के लिए सक्रिय हुईं सोनिया, चर्चा के लिए इन बड़े नेताओं को खाने पर बुलाया

संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष की एकजुटता के बाद अब कांग्रेस की ओर से आगे भी विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट बनाए रखने की बड़ी पहल की गई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 12 Aug 2021 2:05 PM IST
Sonia Gandhi became active for opposition solidarity
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विपक्ष एकजुटता के लिए सक्रिय हुईं सोनिया गांधी: फोटो- सोशल मीडिया

Congress Politics: संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्ष की एकजुटता के बाद अब कांग्रेस की ओर से आगे भी विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट बनाए रखने की बड़ी पहल की गई है। कांग्रेस चाहती है कि जिस तरह सदन में उसे अन्य विपक्षी दलों का सहयोग मिला है, उसी तरह आगे भी भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ संघर्ष में विपक्ष एकजुट बना रहे। विपक्ष को एकजुट बनाए रखने की कमान अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद संभाल ली है।

जानकार सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी ने इस सिलसिले में एनसीपी के मुखिया और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी, शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और द्रमुक के मुखिया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने विपक्ष के इन सभी बड़े चेहरों को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। हालांकि अभी तक बैठक की तारीख नहीं तय की गई है मगर माना जा रहा है कि जल्द ही लंच या डिनर पर विपक्ष के इन बड़े नेताओं की बैठक हो सकती है। इस बैठक में विपक्ष की एकजुटता पर रणनीति तैयार की जाएगी।

सिब्बल के बाद सोनिया की बड़ी पहल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने हाल में अपने जन्मदिन के बहाने एक डिनर पार्टी का आयोजन किया था जिसमें विपक्ष के कई बड़े नेता मौजूद थे। कांग्रेस के असंतुष्ट माने जाने वाले खेमे जी-23 से जुड़े कई अन्य नेताओं ने भी इस डिनर पार्टी में हिस्सा लिया था। डिनर पार्टी के दौरान भी विपक्ष की एकजुटता पर चर्चा की गई थी। अब सिब्बल की पार्टी के बाद सोनिया गांधी की ओर से की गई पहल को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल: फोटो- सोशल मीडिया

सार्वजनिक कार्यक्रमों और संसद में कम दिखने वाली सोनिया गांधी ने मंगलवार और बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया था। बाद में लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला की ओर से दी गई चाय पार्टी में भी वे मौजूद थीं। इस चाय पार्टी में विपक्ष के बड़े नेताओं के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हिस्सा लिया था। कांग्रेस की ओर से इस बैठक में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी भी मौजूद थे।

सदन के बाहर भी विपक्ष ने दिखाई एकजुटता

संसद के मानसून सत्र के दौरान पेगासस मुद्दे पर विपक्ष ने जबर्दस्त एकजुटता दिखाई है। हालांकि इस दौरान सरकार करीब 19 विधेयक बिना चर्चा के पारित कराने में कामयाब रही मगर विपक्ष की एकजुटता और हंगामे के कारण अधिकांश दिनों में सदन का कामकाज पूरी तरह बाधित रहा। मानसून सत्र के बाद संसद की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा चुका है मगर विपक्ष इस एकजुटता को आगे भी बनाए रखना चाहता है।

इसी कड़ी में गुरुवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला गया। इस मार्च में एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घारते हुए सदन में सांसदों के साथ बदसलूकी किए जाने का बड़ा आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि संसद के इतिहास में पहली बार बाहर से लोगों को बुलाकर सांसदों की पिटाई और धक्का-मुक्की की गई। उन्होंने संसद में लोगों की आवाज दबाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सभापति और लोकसभा स्पीकर को विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए।

ममता से भी सोनिया ने की थी चर्चा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान विपक्ष की एकजुटता के लिए कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी। इस बैठक के दौरान राहुल गांधी भी मौजूद थे। माना जा रहा है कि ममता की पहल को आगे बढ़ाते हुए अब सोनिया गांधी भी सक्रिय हो गई हैं। सोनिया गांधी की ओर से विपक्ष के नेताओं को आमंत्रित किए जाने के कदम को इसी पहल का हिस्सा माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि सोनिया की ओर से बुलाई गई इस बैठक के बाद मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के संघर्ष में और तीखापन आएगा।


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी: फोटो- सोशल मीडिया

ममता और सोनिया के अलावा राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव भी विपक्ष की एकजुटता की मुहिम में लगे हुए हैं। लालू ने भी इस संबंध में पिछले दिनों शरद पवार, शरद यादव और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से चर्चा की थी। मुलायम सिंह यादव से उनकी मुलाकात के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव भी मौजूद थे। विपक्ष की एकजुटता के लिए किए जा रहे इन चौतरफा प्रयासों से आने वाले दिनों में मोदी सरकार की मुश्किलें और बढ़नी तय मानी जा रही है।



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