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प्रियंका को राज्यसभा भेजने की तैयारी, फिर बहुरेंगे गुलाम नबी आजाद के दिन

Priyanka Gandhi: कांग्रेस इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी के अभियान की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजने की तैयारी में जुटी हुई है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 6 April 2022 8:42 AM IST
प्रियंका को राज्यसभा भेजने की तैयारी, फिर बहुरेंगे गुलाम नबी आजाद के दिन
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Priyanka Gandhi: कांग्रेस में राज्यसभा सीटों के लिए गहराई से मंथन शुरू हो गया है। कांग्रेस इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी के अभियान की कमान संभालने वाली प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजने की तैयारी में जुटी हुई है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी को राजस्थान से राज्यसभा में भेजने की तैयारी है।

प्रियंका गांधी के बाद एक और बड़ा चेहरा गुलाम नबी आजाद हैं। आजाद को मध्य प्रदेश से फिर राज्यसभा सदस्य बनने का मौका मिल सकता है।

विवेक तन्खा का कार्यकाल जून में समाप्त होने वाला है और अब उन्हें छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सदस्य बनाने पर गहराई से मंथन किया जा रहा है। पिछली बार वे मध्यप्रदेश से जीतकर राज्यसभा में पहुंचे थे मगर इस बार उन्हें छत्तीसगढ़ से भेजने की तैयारी है।

असंतुष्टों को साधने में जुटे हैं कमलनाथ

राज्यसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में हलचलें तेज हो गई हैं। विभिन्न दलों के नेता राज्यसभा सांसद बनने के लिए जोड़-तोड़ की कोशिश में जुटे हुए हैं। कांग्रेस के सियासी समीकरणों में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का सियासी कद दूसरे नेताओं पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। कमलनाथ पार्टी के असंतुष्ट खेमे जी-23 से जुड़े नेताओं के तेवर को नरम बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं और इस काम में उन्हें काफी हद तक कामयाबी भी मिली है।

जी-23 से जुड़े नेता हाल के दिनों में पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े करने वाले बयान नहीं दे रहे हैं। इसे कमलनाथ की सक्रियता का नतीजा माना जा रहा है। कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही विपक्ष के नेता की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रखी है।

आजाद की फिर खुलेगी किस्मत

मध्यप्रदेश कोटे से राज्यसभा में पहुंचने के लिए पार्टी के कई और वरिष्ठ नेता भी जोड़-तोड़ बिठाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इन नेताओं में अरुण यादव और अजय सिंह का नाम शामिल है। राज्यसभा सांसद बनने के लिए दोनों नेता दिल्ली तक की दौड़ लगा चुके हैं। वैसे अब इन दोनों नेताओं के दरवाजे बंद होते दिख रहे हैं क्योंकि मध्य प्रदेश से गुलाम नबी आजाद के फिर उच्च सदन का सदस्य बनने की बनाने की तैयारी की जा रही है।

आजाद ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और संगठन को मजबूत बनाने के संबंध में अपने विचार भी बताए थे। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी अब सभी नेताओं को साथ लेकर चलने का इच्छुक बताया जा रहा है ताकि पार्टी संगठन को मजबूत बनाया जा सके।

कमलनाथ का फार्मूला

मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर बैठक भी हुई थी। इस बैठक में अरुण यादव और अजय सिंह ने भी हिस्सा लिया था। इन नेताओं का बैठक में भाग लेना इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इन दोनों नेताओं ने हाल में सोनिया गांधी से कमलनाथ के खिलाफ शिकायत की थी।

इस बैठक के दौरान सभी नेताओं ने एक बार फिर कमलनाथ के नेतृत्व में भरोसा जताया और राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पूरी एकजुटता के साथ उतरने का फैसला लिया। कमलनाथ ने ही गुलाम नबी आजाद को मध्यप्रदेश और विवेक तन्खा को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में भेजने का फार्मूला सुझाया है और माना जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस फार्मूले पर जल्दी ही मुहर लगा दी जाएगी।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बनाने पर गहराई से मंथन चल रहा है। माना जा रहा है कि अंतिम समय में कोई फेरबदल नहीं हुआ तो प्रियंका, आजाद और तन्खा तीनों के नामों पर शीर्ष नेतृत्व की ओर से जल्द मंजूरी दे दी जाएगी।

तीन राज्यों में मजबूत स्थिति में कांग्रेस

छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटें जून में खाली होने वाली हैं। इन दोनों सीटों पर भाजपा के सांसद हैं मगर अब इन दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार चुने जाएंगे क्योंकि राज्य में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। राजस्थान में जुलाई में चार राज्यसभा सीटें खाली होने वाली है और राज्य में कांग्रेस के 108 विधायक हैं।

मध्य प्रदेश में जून महीने के दौरान विवेक तन्खा समेत तीन सांसदों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या 96 है। कांग्रेस इन तीनों राज्यों में मजबूत स्थिति में है। इसलिए दावेदारों की नजर इन राज्यों पर लगी हुई है।



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Vidushi Mishra

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