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मिशन 2024 पर सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों के साथ की बैठक,सरकार से रखी ये मांग
लोकसभा के चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों अपनी-अपनी तैयारी करने में लग गए हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों से नेताओं के से वर्चुअल माध्यम से बैठक की।
Opposition Parties Meeting: लोकसभा के चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों अपनी-अपनी तैयारी करने में लग गए हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने शुक्रवार को विपक्षी दलों से नेताओं के से वर्चुअल माध्यम से बैठक की। मिली जानकारी के मुताबित कांग्रेस समेत 19 दलों के साथ हुई इस बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी है। जिसके बाद विपक्ष ने सरकार के सामने 11 सूत्रीय मांग रखी है। विपक्ष ने कोरोना काल में मरने वाले परिजनों को मुआवजा देने परिवार को साढ़े सात हजार रुपए महीने, पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी करने जैसी मांगों की है।
विपक्ष दलों की इस वर्चुअल बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 की लड़ाई के लिए एकजुट होकर लड़ने की फैसला किया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों से एकजुट होने के लिए कहा है। उन्होंने आगे कहा कि हम सबके अपने मतभेद हो सकते हैं। लेकिन राष्ट्रहित में हमें एक साथ आना होगा बता दें कि कांग्रेस के अलावा इस बैठक में टीएमसी,एनसीपी,डीएमके,शिवसेना, जेएमएम,सीपीआई,सीपीएम, एनसी, आरजेडी, एआईयूडीएफ के पार्टी के नेताओं ने हबैठक में हिस्सा लिया।
विपक्ष ने सरकार से ये 11 मांगे रखी है
1-विश्वस्तर पर कोरोना टीकों की खरीद और मुफ्त टीकाकरण अभियान को तुरंत तेज करें। कोरोना के कारण अपनी जान गंवाने वाले परिवारों को उचित सहायता राशि दें। सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का व्यापक विस्तार करने के लिए काम करें।
2-केंद्र सरकार को आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को प्रतिमाह 7500 रुपयों की राशि उनके खाते में ट्रांस्फर करनी चाहिए। सभी जरूरत मंदो को दैनिक इस्तेमाल की सभी जरूरी वस्तुओं से युक्त मुफ्त भोजन किट बांटे।
3-पेट्रोललियम और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद के दामों में हो रही बढ़ोतरी को कम किया जाना चाहिए। रसोई गैस और आवश्यक वस्तुओं, विशेष रुप से खाना पकाने के तेल की कीमतों को कम करें। और तेजी से बढ़ती मंहगाई को नियंत्रित करें।
4-तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी करें और एमएसपी पर कानून बनाएं।
5-सार्वजनिक क्षेत्र में बेलगाम निजीकरण को रोकें। श्रमिक और श्रमिक वर्ग के अधिकारों को कमजोर करने वाले लेबर कोड्स को रद्द करें।
6- एमएसएमई के पुनरुद्धार के लिए मौद्रिक प्रोत्साहन पैकेज लागू करें। इसमें कर्ज का प्रावधान नहीं होना चाहिए। हमारे आर्थिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सार्वजनिक निवेश को बढ़ाए। जिससे रोजगार पैदा हो। और घरेलू मांग को बढ़ावा मिले। सरकारी नौकरियों में रिक्त पदों पर भर्ती करें।
7-मनरेगा में कम से कम 200 दिनों की मजदूरी दुगनी करने के साथ मनरेगा का विस्तार करें। इसी तर्ज पर एक शहरी रोजगार गांरटी कार्यक्रम कानून बनाएं।
8-शिक्षण संस्थानों को जल्द से जल्द फिर से खोलना सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के टीकाकरण को प्राथमिकता दें।
9-लोगों की निगरानी के लिए पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली न्यायिक जांच तत्काल करें। वहीं राफेल सौदे की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग विपक्ष ने सरकार से की है।
10-भीमा कोरेगांव के मामले में यूपपीए के तहत और सीएए विरोध प्रदर्शनों सहित राजनीतिक बंदियों को रिहा करें। लोगों के लोकत्रांत्रिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता का उल्लघंन करने के लिए राजद्रोह/एनएसए जैसे अन्य कठोर कानूनों का उपयोग करना बंद करें। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए हिरासत में लिए गए सभी मीडिया कर्मियों को रिहा करें।
11-जम्मू कश्मीर में सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करें। केंद्रीय सेवाओं के जम्मू कश्मीर कैडर सहित पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करें। जल्द से जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएं।
तेजस्वी यादव ने कहा 2024 लोकसभा चुनाव पर क्या रणनीति है उसकी तैयारी अभी से करनी होगी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ इस मीटिंग में तेजस्वी यादव ने कहा कि 2024 में विपक्ष की क्या रणनीति होगी। उस पर विपक्ष को अभी से तैयारी करनी चाहिए। विगत 7 वर्षों में विपक्ष एक ही तरीके से चुनाव लड़ रहा है। विपक्ष अपने एजेंडे पर चुनाव लड़े। मुद्दों में धार और नयापन लाने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि बिहार और बंगाल ने दिखा दिया कि भाजपा से कैसे लड़ा जा सकता है। मंहगाई बेराजगारी और सरकार की जनविरोधी नीतियों से मध्यम वर्ग परेशान है।
ममता बनर्जी ने सिलेक्टेड निमंत्रण पर उठाए सवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री विपक्षी दलों के नेता से कहा कि कांग्रेस के सिलेक्टेड निमंत्रण पर सवाल उठाए हैं। ममता ने आगे कहा कि सभी विपक्षी दलों को एक पटल पर लाना चाहिए। हमारी लड़ाई भाजपा के खिलाफ है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी से कुछ दिल विरोधाभास भी रखते हैं। तो भी उनको बुलाना चाहिए। आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी को इस बैठक में शामिल होने का निमत्रण नहीं दिया गया था।