राज्यसभा में और कमजोर हुई कांग्रेस, 17 राज्यों से एक भी सांसद नहीं, भाजपा निकली काफी आगे

Congress seats in Rajya Sabha: आने वाले दिनों में कांग्रेस की हालत इतनी पतली हो जाएगी कि राज्यसभा में 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पार्टी का कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं रह जाएगा।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Monika
Published on: 4 April 2022 5:31 AM GMT (Updated on: 4 April 2022 5:52 AM GMT)
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सोनिया गांधी और राहुल गांधी (Social media)

Congress seats in Rajya Sabha: चुनावों में मिल रही लगातार पराजय के कारण कांग्रेस ( Congress) का संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। हाल में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था। अब राज्यसभा (Rajya Sabha) में भी पार्टी के लिए संकट की स्थिति पैदा होती दिख रही है। कांग्रेस के कई राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और आने वाले राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) के बाद सदन में कांग्रेस की ताकत काफी घट जाएगी।

आने वाले दिनों में कांग्रेस की हालत इतनी पतली हो जाएगी कि राज्यसभा में 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पार्टी का कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं रह जाएगा। उत्तर प्रदेश समेत कई प्रमुख राज्य इस सूची में शामिल हैं। दूसरी और राज्यसभा में भाजपा की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद भाजपा ने कांग्रेस को अब काफी पीछे छोड़ दिया है।

कांग्रेस के बचेंगे सिर्फ 30 सांसद

राज्यसभा के गणित को देखा जाए तो यहां कांग्रेस की ताकत लगातार कम होती जा रही है। मार्च के आखिर में राज्यसभा में कांग्रेस के 33 सांसद थे। पूर्व रक्षा मंत्री और वरिष्ठ नेता एके एंटनी समेत चार सदस्य रिटायर हो चुके हैं। आने वाले जून और जुलाई के महीने कांग्रेस के कई और सांसदों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा।

जून और जुलाई में उच्च सदन से रिटायर होने वाले कांग्रेस सांसदों में कई प्रमुख चेहरे भी होंगे। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, अंबिका सोनी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और जयराम रमेश जैसे प्रमुख नेता शामिल है। चुनाव के बाद भी कांग्रेस की सेहत में ज्यादा सुधार होने वाला नहीं है और राज्यसभा में उसके सांसदों की संख्या अधिकतम 30 ही रह जाएगी।

इन राज्यों में साफ हो जाएगा सूपड़ा

सियासी जानकारों का कहना है कि यदि राज्यसभा के गणित को देखा जाए तो कांग्रेस इतनी कमजोर स्थिति में कभी नहीं रही है। कांग्रेस को सिर्फ एक और सीट की उम्मीद तमिलनाडु से बनी हुई है। तमिलनाडु में छह राज्यसभा सांसदों का चुनाव होना है और कांग्रेस को उम्मीद है कि द्रमुक की ओर से उसे एक सीट मिल जाएगी। राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का द्रमुक के साथ चुनावी गठबंधन था। ऐसे में इस राज्य में कांग्रेस की एक सीट की आस पूरी हो सकती है।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों से कांग्रेस का एक भी सांसद राज्यसभा में नहीं बचेगा। इन राज्यों में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, ओडिशा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और गोवा जैसे राज्य भी शामिल है।

लगातार मजबूत हो रही भाजपा

एक और उल्लेखनीय बात यह है कि जहां एक और कांग्रेस राज्यसभा में लगातार कमजोर होती जा रही है वहीं दूसरी ओर भाजपा की ताकत में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले गुरुवार को हुए चुनाव में असम, त्रिपुरा और नागालैंड में एक-एक सीट जीतने के बाद उच्च सदन में भाजपा सांसदों की संख्या बढ़कर 100 पर पहुंच गई है। 6 राज्यों की 13 राज्यसभा सीटों पर हाल में हुए चुनाव में भाजपा को पंजाब में एक सीट का नुकसान जरूर उठाना पड़ा मगर तीन पूर्वोत्तर राज्यों और हिमाचल प्रदेश से एक-एक सीट जीतकर भाजपा ने राज्यसभा में अपनी ताकत और बढ़ा ली है।

2014 के बाद इतनी बढ़ी ताकत

2014 में केंद्र में सत्तारूढ़ होने के समय राज्यसभा में भाजपा सांसदों की संख्या सिर्फ 55 थी मगर उसके बाद लगातार भाजपा की ताकत बढ़ती जा रही है और अब पार्टी ने 100 का आंकड़ा हासिल कर लिया है। भाजपा कई राज्यों की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब हुई है और इसी का नतीजा अब राज्यसभा में दिखने लगा है।

करीब 32 साल बाद किसी पार्टी ने उच्च सदन में 100 सांसदों के आंकड़े को छुआ है। 1990 में कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी और राज्यसभा में कांग्रेस सांसदों की संख्या 100 थी। हालांकि उसके बाद लगातार कांग्रेस की स्थिति कमजोर होती जा रही है।

Monika

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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