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कांग्रेस ने कोरोना संकट पर मोदी सरकार को घेरा, गलतियों के लिए प्रायश्चित करें पीएम
देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए कांग्रेस ने मोदी सरकार की अक्षमता, उदासीनता और असंवेदनशीलता को जिम्मेदार ठहराया है।
नई दिल्ली: कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) की सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में देश में व्याप्त कोरोना संकट (Corona Crisis) पर व्यापक रूप से चर्चा की गई। बैठक के बाद पार्टी की ओर से पारित प्रस्ताव में देश में कोरोना की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) के लिए मोदी सरकार (Modi Government) को घेरा गया है। पार्टी ने इसके लिए मोदी सरकार की अक्षमता, उदासीनता और असंवेदनशीलता को जिम्मेदार ठहराया है।
पार्टी ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार (Modi Government) ने वैज्ञानिकों की ओर से दी गई सलाह और चेतावनी की पूरी तरह अनदेखी की जिसके कारण देश गहरे संकट में फंस गया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए।
फिर टला पार्टी अध्यक्ष का चुनाव
देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) को मिली हार और कोरोना संकट पर चर्चा करने के लिए कार्यसमिति की यह बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में कोरोना महामारी के कारण कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) का चुनाव भी टालने का फैसला किया गया।
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के कारण राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और तभी से अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पार्टी की कमान संभाल रखी है। पार्टी कार्यसमिति की बैठक में कई बार अध्यक्ष के चुनाव का फैसला लिया गया मगर हर बार किसी न किसी कारण अध्यक्ष पद का चुनाव टलता रहा है।
केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना
कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से पारित प्रस्ताव में कोरोना संकट के लिए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा गया। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि मोदी सरकार ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया और टीकाकरण के काम को राज्यों पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों को फ्री वैक्सीन उपलब्ध कराई जानी चाहिए। सरकार का यह कदम आर्थिक दृष्टि से भी न्यायसंगत होगा।
वैज्ञानिकों की चेतावनी की अनदेखी
बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि वैज्ञानिकों की ओर से दी गई चेतावनी की अनदेखी करने के कारण ही देश में को कोरोना की दूसरी जबर्दस्त लहर का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही केंद्र सरकार कोरोना महामारी से निपटने के लिए अग्रिम योजना बनाने में भी पूरी तरह विफल साबित हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और संसद की स्टैंडिंग कमेटी की ओर से पहले ही इस बाबत चेतावनी दी गई थी मगर मोदी सरकार ने उसे अनदेखा किया।
वैक्सीन संकट पर भी सरकार को घेरा
कांग्रेस ने देश में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई में कमी को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी का कहना है कि मोदी सरकार तथ्यों को नकारने में जुटी हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पीएम को चिट्ठी लिखकर कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाने और देश में टीकाकरण बढ़ाने पर जोर दिया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की ओर से पूर्व पीएम की इस चिट्ठी का बहुत ही अशोभनीय तरीके से जवाब दिया गया।
मौतों का आंकड़ा छिपा रही सरकार
कांग्रेस का कहना है कि कोरोना से होने वाली मौतों का डेटा पूरी तरह गलत है और तमाम मौतों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। पार्टी ने सरकार को घूरते हुए कहा कि यह समय चुनौती का सामना करने का है, ना कि मृतकों की संख्या को कम करने और संक्रमण के आंकड़ों को गलत दिखाने का।
पार्टी ने कहा कि यह राष्ट्रीय एकता और संकल्प की अटूट भावना को दिखाने का समय है और ऐसे समय में प्रधानमंत्री को अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए और लोगों की सेवा करने के लिए और प्रतिबद्ध होना चाहिए। प्रधानमंत्री की गलती के कारण ही देश गहरे संकट में फंस गया।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर भी जताई आपत्ति
कांग्रेस ने दिल्ली के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है। पार्टी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत घमंड से जुड़ी हुई परियोजना है और आपराधिक रूप से पैसे की बर्बादी की जा रही है। पार्टी ने इसे देश के लोगों का अपमान और असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा बताया है।