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कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों को गलत बताने वाली मीडिया रिपोर्ट्स का स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया खंडन
कोरोना वायरस संक्रमण के पहले और दूसरे लहर के दौरान देश में हुए मौत के गलत आंकड़ों को लेकर चल रहे रिपोर्ट्स का केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में खंडन किया है।
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अब धीरे-धीरे कम होने लगे हैं। देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के दूसरे लहर के बाद से ही कोरोना वायरस संक्रमण से हुए मौत के आंकड़ों को लेकर विवाद बना हुआ है। बीते कुछ महीनों में कई रिसर्च के आधार पर मीडिया रिपोर्ट (Media Report) सामने हैं जिनमें सरकार पर यह आरोप लगाया गया कि भारत सरकार (Indian government) ने कोरोना वायरस संक्रमण से हुए मौत के आंकड़ों को छुपाया है।
सरकार ने बताया भ्रामक खबर
कोरोना वायरस से हुए मौत के आंकड़ों को लेकर चल रही इन खबरों का भारत सरकार ने सिरे से खंडन किया है। भारत सरकार ने इन खबरों को लेकर कहा कि यह मीडिया रिपोर्ट्स पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। बता दें कोरोना से हुए मौत के आंकड़ों को लेकर इन मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत सरकार ने कोरोना वायरस के पहले और दूसरे लहर में हुई मौतों का आंकड़ा गलत बताया है।
मीडिया रिपोर्ट में 30 लाख से अधिक मौतों का अनुमान
भारत सरकार ने इन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए रिपोर्ट को शरारती प्रकृति और जानकारी के अभाव वाला रिपोर्ट बताया है। सरकार ने कहा है कि हमारे पास कोरोना वायरस संक्रमण से हुए मौतों का वर्गीकरण करने के लिए एक बहुत विस्तृत परिभाषा है। भारत सरकार के अब तक के आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस संक्रमण से कुल पांच लाख के करीब मौतें हुई है। वहीं मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि सरकार द्वारा जारी किया गया आंकड़ा वास्तविक आंकड़ों से बेहद कम है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में कोरोना के पहले और दूसरे लहर में कुल 30 लाख से अधिक मौतों का अनुमान है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान
मीडिया रिपोर्ट के इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय में अपना बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा- 'यह स्पष्ट किया जाता है कि इस तरह की मीडिया की खबरें भ्रामक और गलत सूचना पर आधारित हैं। यह तथ्यों पर आधारित नहीं हैं और शरारती प्रकृति की है। भारत में जन्म और मृत्यु की सूचना की एक बहुत मजबूत प्रणाली है जो एक विधान पर आधारित है और कवायद नियमित रूप से ग्राम पंचायत स्तर से जिला स्तर और राज्य स्तर तक होती है।'