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Liquor Policy in Delhi: दिल्ली सरकार की शराब पॉलिसी पर विवाद, कांग्रेस-भाजपा ने केजरीवाल को घेरा
Delhi Government Liquor Policy: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की शराब पॉलिसी पर बड़ा सियासी घमासान छिड़ गया है।
Delhi Government Liquor Policy: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार (Aam Aadmi Party government) की शराब पॉलिसी (liquor policy) पर बड़ा सियासी घमासान छिड़ गया है। दिल्ली कांग्रेस और भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल सरकार की घेरेबंदी शुरू कर दी है। दरअसल यह विवाद दिल्ली सरकार(Delhi Government) के एक नए फैसले को लेकर पैदा हुआ है। दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि दिल्ली के बार अब तड़के तीन बजे तक खुल सकेंगे जिसमें लोग शराब पीने का लुत्फ उठा सकेंगे।
सरकार के इस फैसले की जानकारी बाहर आते ही इसे लेकर विवाद पैदा हो गया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार ने आम लोगों की समस्याओं से आंखें मूंद रखी हैं। सरकार की ओर से आम लोगों को साफ पानी मुहैया कराने की जगह शराब पिलाने की नीति को प्राथमिकता दी जा रही है।
रात में तीन बजे तक शराब पीने की छूट
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने केजरीवाल सरकार(Kejriwal government) के ताजा फैसले की जानकारी दी है। अधिकारी के मुताबिक सरकार की ओर से आबकारी विभाग (Excise Department) को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। 2021-22 की आबकारी नीति के तहत अब जल्द ही दिल्ली के बार, होटल और क्लबों में रात में तीन बजे तक शराब पीने की छूट का आदेश जारी हो जाएगा। यह जानकारी मिलने के बाद दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने केजरीवाल सरकार पर बड़ा हमला बोला।
शराब माफिया के साथ मिलकर जमकर भ्रष्टाचार
उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों के भारी विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनविरोधी फैसले लेने में जुटे हुए हैं। दिल्ली सरकार की नई शराब पॉलिसी के तहत दिल्ली के बार क्लब, होटल और बैंकेट हॉल आदि में तड़के तीन बजे तक शराब पीने की छूट का रास्ता खोल दिया गया है। सरकार की ओर से 201 नए लाइसेंस जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि लाइसेंस आवंटन में भी शराब माफिया के साथ मिलकर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से दिल्ली के पुलिस आयुक्त से मिलने का समय मांगा गया है ताकि इस मामले की सच्चाई को उजागर किया जा सके।
नशे की राजधानी बनाने की साजिश
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पूरी तरह बर्बाद करने पर उतारू दिख रहे हैं। सरकार की ओर से पहले ही युवाओं के शराब पीने की उम्र 25 वर्ष से घटाकर 21 साल की जा चुकी है। सरकार ने अपना खजाना भरने के लिए प्रत्येक वार्ड में तीन-चार नए ठेके खोल दिए हैं। सच्चाई तो यह है कि केजरीवाल दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने में जुटे हुए हैं।
इसी कारण लोगों को 24 घंटे शराब मुहैया कराने का प्रबंध किया जा रहा है। दिल्ली में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है मगर इस संक्रमण को रोकने और महंगाई पर काबू पाने में सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। केजरीवाल सरकार का पूरा फोकस लोगों को शराब का लती बनाने पर ही है।
भाजपा ने भी उठाए सवाल
कांग्रेस के साथ ही भाजपा ने भी दिल्ली सरकार की शराब पॉलिसी पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रह रहे लोग पानी की भीषण किल्लत से जूझ रहे हैं मगर सरकार की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
सरकार ने शराब के ठेकों को सुबह तीन बजे तक खोलने की छूट दे दी है। इस फैसले से केजरीवाल सरकार की मानसिकता का पता चलता है। इससे साफ हो गया है कि आप सरकार की प्राथमिकता लोगों को साफ पानी मुहैया कराना नहीं बल्कि शराब पिलाना है।
दिल्ली सरकार की शराब पॉलिसी को लेकर पहले भी विवाद पैदा हो चुका है। अब सरकार के नए आदेश को लेकर बड़ा सियासी विवाद पैदा हो गया है और भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसे लेकर सियासी माहौल और गरमाएगा।