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Corona Cases in India: तीसरी लहर का भीषण खतरा, नए वेरियंट की वजह से तेजी से बढ़ रहे मामले
Corona Cases in India: भारत में तेजी से बढ़ते मामलों पर डॉ अरोड़ा ने बताया कि अब तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है।
Corona Cases in India: देश में कोरोना के मामलों में एकबार फिर तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। हर दिन बढ़ते मामलों से खतरा भी बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही नए वेरियंट ओमिक्रॉन का भी कहर कुछ कम नहीं है। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर में मची तबाही को देखते हुए अब तीसरी लहर का डर सता रहा है। ये लहर कितनी भयावह होने वाली है इससे आने वाले समय कितनी मौते होंगी, कितने समय में इस लहर से राहत मिलेगी, इन सभी सवालों के जवाब NTAGI के चेयरमैन डॉक्टर एन के अरोड़ा ने दिया है।
भारत में तेजी से बढ़ते मामलों पर डॉ अरोड़ा ने बताया कि अब तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। ये लहर बहुत ही खतरनाक है और यह वायरस उसी तरह से बर्ताव कर रहा है जैसे पहले किया था। दुनिया के सारे पश्चिमी देशों में ये लहर आग की तरह फैल रही है। और अब भारत में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। जिस हिसाब से भारत में एक हफ्ते में कई गुना मामले बढ़ गए हैं, ऐसे में हालात बेकाबू होते दिखाई दे रहे हैं। अब ये बढ़ती रफ्तार इस बात बार निर्भर करेगी कि हम कितना कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हैं।
आने वाले समय में और मामले बढ़ेंगे
जानकारी देते हुए उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में और मामले बढ़ेंगे। इस लहर को तेजी नए वेरियंट ओमिक्रॉन ही दे रहा है। जिसकी वजह से ज्यादातर मामले भी इसी वैरिएंट के सामने आ रहे हैं। लगभग 70-80% प्रतिशत मामले ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों के हैं।
आगे उन्होंने बताया कि नॉर्थ ईस्ट के प्रदेश और बंगाल में अभी डेल्टा सक्रिय है। वहां पर इसी के मामले अधिक देखने को मिल रहे हैं। जिस पर डॉक्टर ने जोर देकर कहा है कि डेल्टा में हॉस्पिटलाइजेशन की ज्यादा जरूरत थी लेकिन ओमिक्रॉन में फिलहाल गंभीर समस्याएं नहीं देखी गई हैं। वहीं उन्होंने अपील की है कि इस सब के बाद भी बुजुर्गों को अपना ध्यान रखना होगा।
उन्होंने यह भी कहा की ओमिक्रॉन से डरने की जरूरत नहीं है। बहुत कम लोगों को अस्पताल में जाने की जरूरत है। ह़मारी युद्ध स्तर की तैयारियां की जा चुकी हैं। ऑक्सीजन से लेकर आईसीयू बेड तक, हम हर तरह से तैयार हैं। क्योंकि पहली और दूसरी लहर से बहुत बड़ी सीख ली है। ऐसे में हम चाहते हैं कि पीक बहुत ज्यादा न आए, इसलिए वीकेंड और नाइट कर्फ्यू लगाए जा रहे हैं।
इन पाबंदियों के लगने से 20-25% मूवमेंट कम होगा। जिससे बीमारी नहीं जाती लेकिन ग्रोथ धीमी हो जाती है। डॉ. अरोड़ा ने वैक्सीन को लेकर बताया कि अगले दो से तीन महीनों में चार से पांच वैक्सीन और आ जाएंगी जो भारत में निर्मित हैं। इसके साथ ही mRNA वैक्सीन आठ हफ्तों में आ जाएगी और Intranasal वैक्सीन छह हफ्तों में आने की उम्मीद है। सतर्क रहने और कोविड गाइडलाइंस का पालने की जरूरत है डरने की नहीं।