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Corona Cases in India: 3 लाख मामलों से देश में तीसरी लहर का खतरा बढ़ा, विशेषज्ञों ने 2 महीने की चेतावनी दी
Corona Cases in India: देश में कोरोना के तेजी से बढ़े मामले अब आफत की वजह बनते नजर आ रहे हैं। मात्र 24 घंटे में 3 लाख मरीजों का सामने आना खतरे की बड़ी निशानी है।
Corona Cases in India: भारत में कोरोना के बढ़ते आकड़ों के बीच जब कुछ राज्योंं में मामले कम आने लगे, तो ऐसा प्रतीत हुआ कि महामारी का खतरा अब कम हो रहा है। लेकिन बीते 24 घंटे में सामने आए बढ़े मामलों से फिर से डरावने हालात बना गए हैं। सिर्फ एक दिन में 3 लाख से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आए है। बढ़े मामलों से बीते 8 महीनों का रिकॉर्ड टूट गया है।
देश में कोरोना के तेजी से बढ़े मामले अब आफत की वजह बनते नजर आ रहे हैं। मात्र 24 घंटे में 3 लाख मरीजों का सामने आना खतरे की बड़ी निशानी है। ताजा आई रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के 3,17,532 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 491 लोगों की कोरोना से मौत हो गई। फिलहाल इस समय 19,24,051 सक्रिय मरीज हैं। वहीं ओमिक्रॉन के कुल मामले बढ़कर 9,287 हो गए हैं।
तीसरी लहर का लोगों में खौफ
कोरोना की तीसरी लहर के बारे में सुनने ही लोगों में खौफ पैदा होने लगा है। बीते साल कोरोना की दूसरी लहर के भयावह मंजर की तस्वीरें अभी भी दर्द दे जाती हैं। देश के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं। यहां बीते 24 घंटे में कोरोना के 43,697 नए मामले सामने आए हैं। बुधवार को सामने आए आकड़ों के अनुसार, 45,591 मरीज ठीक हुए। जिसमें 49 लोगों की मौत हो गई।
कोरोना के.तेजी से बढ़ रहे मामलों पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। उन्होंने आशंका जताई थी कि मार्च से पहले राहत नहीं मिलेगी।
डॉ समीरन पांडा ने कहा था कि भारत में 11 मार्च के बाद कोरोना के मामले स्थानीय स्तर पर पहुंच सकते हैं लेकिन इसके लिए कुछ शर्तों को पूरी करने की जरूरत होगी. स्थानीय स्तर का मतलब होता है कि संक्रमण अपेक्षाकृत कम प्रसार वाली आबादी या इलाके में लगातार उपस्थित रहता है।
डॉ समीरन पांडा के अनुसार, यदि कोरोना का कोई नया वैरिएंट इसके बाद सामने ना आए तो 11 मार्च के बाद से कोरोना सिर्फ स्थानीय स्तर पर रह सकता है। आगे उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रॉन भारत में 11 दिसंबर से शुरू होकर तीन महीने तक बनेगी रहेगी। ऐसे में 11 मार्च के बाद हमें कुछ राहत मिलेगी।