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Corona Cases in India: विदेश से आने वाले हर यात्री को 7 दिन क्वारंटाइन, इस बार 5-10 प्रतिशत मरीज ही अस्पताल में हो रहे भर्ती

वर्तमान वृद्धि में, अभी तक पांच से दस प्रतिशत संक्रमित मरीजों को अस्तपालों में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। लेकिन हालात गतिशील और कभी भी बदल सकते हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 11 Jan 2022 9:07 AM IST
Bengaluru Corona Update:
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कोरोना अपडेट की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Corona Cases in India: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बड़ी खबर आई है। ताजा जानकारी मिली है कि विदेश से आने वाले यात्रियों को अब 7 दिन तक क्वारंटाइन रहना होगा। ये नियम अगले आदेश तक लागू रहेगा। दूसरी तरफ केंद्र ने आकड़ों पर कहा कि इस बार कोरोना संक्रमित मरीजों में सिर्फ पांच से दस प्रतिशत लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जररूत पड़ रही है। लेकिन ये हालात कभी भी बदल भी सकते हैं। जिसके चलते संक्रमित मरीज जो आइसोलेशन में है उन पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।

ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने बढ़ते मामलों पर राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र में कहा कि देश में कोविड-19 (Covid-19) की दूसरी लहर के दौरान अस्तपालों में भर्ती की जरूरत वाले रोगी 20-23 प्रतिशत थे।

पांच से दस प्रतिशत संक्रमित मरीज अस्तपाल में भर्ती

इस पत्र में उन्होंने लिखा कि ऐसा जान पड़ता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में नये स्वरूप ओमीक्रोन के आने एवं डेल्टा के बने रहने की वजह से कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े हैं। इन हालातों में कोविड प्रबंधन के वास्ते मानव संसाधन खासकर स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।

आगे उन्होंने कहा, 'वर्तमान वृद्धि में, अभी तक पांच से दस प्रतिशत संक्रमित मरीजों को अस्तपालों में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। लेकिन हालात गतिशील और कभी भी बदल सकते हैं। इसलिए अस्पतालों में भर्ती करवाने की जरूरत की स्थिति तेजी से बदल सकती है।

आइसोलेट मरीजों पर उन्होंने लिखा कि सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को उपचाराधीन रोगियों की कुल संख्या, घरों में आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की संख्या, अस्पतालों में उपचाररत रोगियों की संख्या, ऑक्सीजन बेड वाले मरीजों की संख्या, आईसीयू बेड, जीवनरक्षक प्रणाली की जरूरत आदि पर रोजाना नजर रखने की सलाह दी गयी है।

स्वास्थ्यकर्मियों पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा,'इस निगरानी के आधार पर स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत एवं अस्पतालों/ उपचार केंद्रों में उनकी उपलब्धता की रोजाना आधार पर समीक्षा की जानी चाहिए जैसा कि दूसरी लहर के दौरान किया गया था।'

आगे उन्होंने ने कहा कि अवसंरचनाओं एवं मानव संसाधनों की अपनी सीमाएं हैं, इसलिए जहां भी संभव हो, स्वास्थ्यकर्मियों की अलग अलग टुकड़ियां बनाकर उनको पालियों/ चरणों में रखना जरूरी है। अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड एवं गैर कोविड क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मियों के प्रबंधन के लिए नौ जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श का कड़ाई से पालन महत्वपूर्ण है। मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को कोविड देखभाल से जुड़े निजी क्लीनिकों में विभिन्न श्रेणियां तय करने का सुझाव दिया।




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Vidushi Mishra

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