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Corona Delta Plus Varient: डेल्टा प्लस वेरिएंट से बढ़ा खतरा, इन राज्यों में सामने आए मामले, सतर्क हुआ प्रशासन
Corona Delta Plus Varient: महामारी की दूसरी लहर से मचा हाहाकार थमा ही था, कि डेल्टा प्लस वेरिएंट ने दस्तक दे दी है।
Corona Delta Plus Varient: पूरे देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से मचा हाहाकार थमा ही था, कि डेल्टा प्लस वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। देश के आठ राज्यों केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलगांना, मध्य प्रदेश, हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 50 प्रतिशत मामले सामने आए हैं।
ऐसे में अब कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट ने पूरे देश की चिंता बढ़ा दी है। जिसके चलते सरकार ने आज बताया कि 45000 नमूनों की जांच में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 मामले सामने आए हैं। जिसमें से सबसे अधिक मामले 20 महाराष्ट्र के हैं। जबकि अभी तक 11 राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हो चुकी है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट का कहर
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, डेल्टा प्लस वेरिएंट के मध्य प्रदेश में सात, महाराष्ट्र में 20, पंजाब में दो, गुजरात में 2, केरल में तीन, तमिलनाडु में नौ, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू, कर्नाटक में एक एक मामले आए हैं।
ताजा जानकारी के अनुसार, फरीदाबाद में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला मामला सामने आया है। इसे मद्देनजर रखते हुए हरियाणा गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि हमने आदेश दे दिए हैं कि उनके सभी 100 फीसदी कॉन्टैक्ट्स का टेस्ट किया जाए और उसकी जीनोम सिक्वेंसिंग करवाई जाए।
ये भी बताया जा रहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाए गए डेल्टा वेरिएंट का ही बदला स्वरूप है। जिसके लिए कोरोना की दूसरी लहर ही जिम्मेदार मानी जा रही है। इस पर आज ही सरकार ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 प्रतिशत मामले डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) के हैं।
डेल्टा प्लस वेरिएंट का मामला पंजाब से भी सामने आया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के कारण एक मौत हो गई है। अभी तक कुल सात मामले सामने आए हैं।
इन राज्यों में बढ़ा खतरा
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक महिला की मौत डेल्टा प्लस के कारण हुई है। वहीं मध्य प्रदेश के मेडिकल एजुकेशन मंत्री विश्वास सारंग के अनुसार, राज्य में अभी इस वैरिएंट से एक मौत दर्ज की गई है। जितने अन्य केस आए हैं, उनपर सरकार की नज़र है।
जिसमें मध्य प्रदेश में जो सात केस आए हैं, उनमें तीन भोपाल, दो उज्जैन, रायसेन-अशोक नगर से एक-एक केस सामने आया है।
खतरे के एक बार फिर बढ़ने से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पैंतीस राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के 174 जिलों में चिंताजनक कोविड स्वरूप के मामले पाये गए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में मिले हैं।
आगे मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के चिंताजनक स्वरूप के मामलों का अनुपात मई, 2021 के 10.31 प्रतिशत से बढ़कर जून, 2021 में 51 प्रतिशत हो गया। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के दोनों ही टीके (कोविशील्ड एवं कोवैक्सीन) कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा स्वरूपों के विरूद्ध काम करते हैं।
कोरोना के संक्रमण से मची तबाही पर मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोविड की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, अब भी 75 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक और 92 जिलों में 5-10 प्रतिशत के बीच है।
जीनोमिक्स सर्विलांस कमेटी के डॉ वी. रवि के अनुसार कर्नाटक में मिला नया वेरियंट मैसूर में उत्पन्न हुआ था और इसकी जानकारी भारत सरकार के कोविड जीनोमिक कॉन्सोर्टिया को 2 जून को दे दी गई थी। अभी ये पता नहीं चला है कि नए वेरियंट से कितने लोग संक्रमित हुए हैं।