×

बच्चों में फैल रहीं कई बीमारियां, डब्लूएचओ ने कहा सभी टीचरों को कोरोना वैक्सीन लगना जरूरी

भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच अनेक राज्यों में स्कूल खुल गए हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Divyanshu Rao
Published on: 1 Sept 2021 11:46 AM IST
School child
X

कोरोना नियमों का पालन करते हुए स्कूल पहुंचे बच्चे और डब्ल्यूएचओ के प्रतीक चिन्ह की तस्वीर (ड़िजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

नई दिल्ली: भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच अनेक राज्यों में स्कूल खुल गए हैं । इनमें दिल्ली, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, असम, उत्तर प्रदेश, पुड्डुचेरी शामिल हैं।

सब जगह सरकारों ने कोरोना प्रोटोकॉल के सख्त पालन के आदेश दिए हैं। चूंकि भारत में अभी बच्चों को वैक्सीन नहीं लग रही है सो संक्रमण रोकने के लिए स्कूल के टीचरों समेत सभी कर्मचारियों को वैक्सीन लगना जरूरी है। लेकिन कितने टीचरों का वैक्सीनेशन हुआ है यह स्पष्ट नहीं है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों से ताकीद की है कि स्कूल खोलने से पहले सभी टीचरों को कोरोना वैक्सीन लग जानी चाहिए। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा तो है कि स्कूलों के सभी टीचरों और अन्य स्टाफ को वैक्सीन की पहली डोज़ लग जानी चाहिए । लेकिन इस काम को पूरा करने के लिए सितंबर महीने का वक्त दिया गया है। स्कूलों से इसकी रिपोर्ट हफ्ते में दो बार ऑनलाइन देने को कहा गया है।

कई तरह की बीमारियां

इन दिनों कोरोना के अलावा डेंगू, इंसेफेलाइटिस और स्क्रब टाइफस और कई अन्य बीमारियां भी फैल रही हैं। यूपी, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों में बहुत लोग बीमार पड़ रहे हैं जिनमें बच्चों की भी बड़ी संख्या है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि 2015 और 2019 के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों में मानसून के बाद बुखार के मामलों के लिए मुख्य रूप से स्क्रब टाइफस और डेंगू जिम्मेदार थे। मुमकिन है कि इस बार भी यही हो रहा है।

कोरोना संक्रमण भी फैल रहा

स्कूल खुलने के साथ साथ कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण भी बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब और बिहार समेत कुछ में पॉजिटिविटी दर बढ़ी है। जिन राज्यों में 50 फीसदी क्षमता के साथ स्कूल खुले हैं वहां 17 साल तक के बच्चों में पॉजिटिविटी दर काफी बढ़ गई है। जुलाई महीने में पंजाब, बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में बच्चों में कोरोना संक्रमण की दर से पता चलता है कि पॉजिटिविटी दर भी तेजी से ऊपर गई है।

कोरोना की दूसरी लहर के बाद पहली बार स्कूल पहुंचे बच्चे (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

आईएमए ने कहा स्कूल खोलना सही फैसला

चिकित्सकों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रेसिडेंट डॉ जयलाल ने स्कूल खोले जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि ये एक सोचीसमझी रिस्क है जिसे लिया जाना चाहिए। डॉ जयलाल ने कहा कि स्कूल खोलने पर कोरोना प्रोटोकॉल का सौ फीसदी पालन जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि आईएमए हर परिस्थिति का सामना करने को तैयार है।

आंध्र प्रदेश में बढ़ रहा संक्रमण

आंध्र प्रदेश में प्राइमरी और हाई स्कूल 16 अगस्त से ही खुल चुके हैं । लेकिन 21 अगस्त से राज्य के सरकारी स्कूलों में कोरोना पॉजिटिव मामले रिपोर्ट किये जा रहे हैं। राज्य के श्रीकाकुलम जिले के अलग अलग मंडलों के विभिन्न स्कूलों में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इससे छात्रों, पेरेंट्स और स्कूल के स्टाफ में अपनी सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल के बारे में कहा तो बहुत जा रहा है।

लेकिन उसे सख्ती से लागू करने में लापरवाही बरती जा रही है। सैनीटाइजर का नियमित इस्तेमाल, हर समय मास्क लगाना, दूरी बनाए रखना, इन सब का ठीक से पालन नहीं हो रहा है। अधिकांश स्कूलों में मिड डे मील वितरण के दौरान भी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया जा रहा है।

उधर मुम्बई के मानखुर्द इलाके में एक बाल गृह के 18 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इन सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है।

पंजाब में दो स्कलों पर कोरोना गाइडलाइन्स के उल्लघंन के आरोप में केस दर्ज

पंजाब में स्कूलों की छानबीन के दौरान दो प्राइवेट स्कूलों पर कोरोना गाइडलाइन्स के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया गया है। यह पता चला था कि इन स्कूलों के बहुत से टीचरों और कर्मचारियों को कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी थी। एक स्कूल के 92 कर्मचारियों में से सिर्फ 40 ही वैक्सीनेटेड थे ।जबकि दूसरे स्कूल में 75 कर्मचारियों में से 40 को ही वैक्सीन लगी थी। पंजाब सरकार ने आदेश दे रखा है कि स्कूल खोले जाने से पहले सभी टीचरों और कर्मचारियों का वैक्सीनेशन अनिवार्य है।



Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

Next Story