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Corona in India Today: तेज़ी से फैल रहा कोरोना संक्रमण, 95 % संक्रमित लोग ओमिक्रॉन से ग्रसित, भयावह हुए आकड़ें

Corona in India Today: देश में ओमिक्रोन संक्रमण के कुल 407 नए मामले सामने आए हैं। जो कि कोरोना संक्रमण के मामलों की तुलना में बेहद ही कम हैं।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Vidushi Mishra
Published on: 12 Jan 2022 12:30 PM IST
corona in india today
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भारत में कोरोना संक्रमण के मामले (फोटो-सोशल मीडिया)

Corona in India Today: भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए व्यापक बढ़त हासिल की है। बीते दिन भारत में कोरोना संक्रमण के 1.94 लाख नए संक्रमित मामले सामने आए हैं। जिसके चलते देश में सक्रिय कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या का आंकड़ा तेज़ी से 10 लाख की ओर बढ़ रहा है।

हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण मामलों के इतर ओमिक्रोन को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में प्रतिदिन आ रहे कुल कोरोना संक्रमित मामलों में कम से कम 90 से 95 फीसदी लोग ओमिक्रोन से भी संक्रमित है, लेकिन देश में ओमिक्रोन कि टेस्टिंग और ओमिक्रोन संक्रमण का अन्य संक्रमणों से कम तीव्र होने के चलते यह आसानी से पकड़ नहीं आ सकता है।

आपको बता दें कि बीते दिन देश में ओमिक्रोन संक्रमण के कुल 407 नए मामले (407 new cases Omicron infection) सामने आए हैं। जो कि कोरोना संक्रमण के मामलों की तुलना में बेहद ही कम हैं।

जानें किन कारणों से पकड़ में नहीं आ रहा ओमिक्रोन संक्रमण


1. विशेषज्ञों के दावों पर ध्यान दें तो उनका कहना है कि देश में प्रतिदिन आ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों में अधिकतम मामले ओमिक्रोन के होने की पूरी संभावना है। इस निष्कर्ष पर सबसे पहला कारण है देश में ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि हेतु उचित मात्रा में जीनोम अनुक्रमण हेतु लैबों का ना होना।

आपको बता दें 125 करोड़ से अधिक आबादी वाले भारत देश में मात्र 40 ऐसी लैब मौजूद हैं जहां जीनोम अनुक्रमण कर ओमिक्रोन कि जांच की जाती है।

2. देश में प्रत्येक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सैंपल को जीनोम अनुक्रमण के लिए नहीं भेजा जाता है, क्योंकि जीनोम अनुक्रमण की रिपोर्ट आने में कम से कम 10 दिन लग जाते हैं तथा तब तक कोरोना संक्रमण निष्क्रिय हो जाता है।

3. देश में ऐसे राज्य भी हैं जहां जीनोम अनुक्रमण को समर्थन करने वाली एक भी लैब मौजूद नहीं है। इसके अनुसार अन्य राज्यों से जीनोम अनुक्रमण की जांच कराने के पश्चात अंतिम रिपोर्ट आने में तकरीबन 40 फि। लग जाते हैं।

4. कोरोना परीक्षण की मात्रा बढ़ने के साथ ही एंटीजन रैपिड टेस्ट पर ही अधिक ध्यान दिया जा रहा है। आपको बता दें कि एंटीजन रैपिड टेस्ट में हल्का संक्रमण पकड़ में नहीं आता है।

5. प्रशासन का कहना है कि संक्रमण परीक्षण की मात्रा बढ़ने के चलते सभी लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना मुमकिन नहीं है।



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Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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