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सबसे बड़ी खुशखबरी: कोरोना का अंत निकट, ओमिक्रॉन से बचें ये हो सकता है इस वायरस का आखिरी वार
दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वायरस बहुत अधिक तेजी से फैल रहा है। लेकिन जैसे कि संकेत मिल रहे हैं ओमिक्रॉन वैरिएंट से पीड़ित लोगों पर बहुत गहरा असर नहीं देखने को मिल रहा है।
Omicron : कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन(omicron variant) ने पूरी दुनिया में खतरे की घंटी बजा दी है। भारत सरकार भी इसे लेकर सतर्क हो चुकी है और नये सिरे से कोविड गाइड लाइन को लागू किया जा रहा है इस संबंध में कल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी कोविड प्रोटोकाल के नये नियम लागू कर दिये हैं।
जैसा कि विशेषज्ञों का मानना है कि ये महामारी के स्थानीय बीमारी बनने की दिशा में पहला कदम हो सकता है। क्योंकि ओमिक्रॉन (omicron virus) के फैलने की रफ्तार कोरोना वायरस से छह गुना अधिक होने के बावजूद अभी तक इसके प्राणघातक होने की कहीं से कोई खबर नहीं है।
कोरोना का डेल्टा वैरिएंट जानलेवा
जानकारी के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वायरस (omicron virus update) बहुत अधिक तेजी से फैल रहा है। लेकिन जैसे कि संकेत मिल रहे हैं ओमिक्रॉन वैरिएंट से पीड़ित लोगों पर बहुत गहरा असर नहीं देखने को मिल रहा है जबकि कोविड के इससे पूर्व आए वैरिएंट (omicron variant symptoms) मारक क्षमता में बहुत अधिक घातक रहे थे।
न्यूयार्क टाइम्स ने एक बड़े अस्पताल के शोधकर्ताओं के हवाले से कहा है कि ओमिक्रॉन से पीड़ित मरीजों (omicron infected patients) में बहुत गंभीर लक्षण नहीं मिल रहे हैं। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को कोरोना के लक्षणों के अलावा अन्य कारणों से अस्पताल में भर्ती किया गया है। जबकि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट जानलेवा साबित हुआ था उसने लोगों की सांस लेने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित की थी और अन्य बीमारियों को बढ़ा दिया था।
कोरोना के अन्य वैरिएंट की तुलना में आरंभिक अध्ययन में अपने प्रसार की क्षमता कई गुना अधिक होने के बावजूद बहुत कम लक्षण (omicron variant symptoms) उत्पन्न कर रहा है। तमाम मरीज ऐसे भी मिले हैं जिन्हें जांच होने से पहले पता भी नहीं था कि ओमिक्रॉन से प्रभावित हो चुके हैं।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के इस असर को देखते हुए ही विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि यह महामारी के स्थानीय बीमारी बनने की शुरुआत है और इसके बाद धीरे धीरे कोरोना की विदाई हो जाएगी।