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Corona New Variant Omicron : ओमिक्रॉन के मरीजों की रिपोर्ट आई निगेटिव, अब भी नए वैरियंट का खतरा बरकरार
Corona New Variant Omicron : ओमिक्रॉन के सामने आए मामलों में जयपुर से अच्छी खबर आ रही है। विदेशों से लौटकर जयपुर आए 9 मरीज जो संक्रमित थे, अब सभी मरीज ठीक हो गए हैं।
Corona New Variant Omicron : भारत में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरियंट (Omicron Variant Cases In India) के कई राज्यों में कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में राज्यों की सरकारों ने सख्त गाइडलाइन जारी की है, जिससे मामले थम सके। दूसरी तरफ कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रॉन से ब्रिटेन में हालात दिन प्रति दिन बिगड़ते ही जा रहे हैं। बीते दिन गुरुवार को सिर्फ 24 घंटे में मामले दोगुने हो गए। जिससे खतरा अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है।
ओमिक्रॉन के सामने आए मामलों (Omicron Variant Cases In India) में जयपुर से अच्छी खबर आ रही है। विदेशों से लौटकर जयपुर आए 9 मरीज जो संक्रमित थे, वे जयपुर के आरयूएचएस हॉस्पिटल (RUHS) में भर्ती थे, और अब सभी मरीज ठीक हो गए हैं।
सबकी रिपोर्ट निगेटिव
इस बारे में सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सुधीर भंडारी ने बताया, 'सभी कोविड नेगेटिव आए हैं। वे एक के बाद एक किए गए दो कोविड टेस्ट में नेगेटिव आए हैं। सभी पूरी तरह ठीक हैं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।'
बता दें, कि बीते महीने की 25 नवंबर को साउथ अफ्रीका से परिवार लौटा। इस परिवार में घर का मुखिया, उनकी 38 वर्षीय पत्नी और 12 और 7 साल की दो बेटियां थी। ये परिवार यात्रा से लौटने के बाद आदर्श नगर में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से मिलने गया। फिर बाद में इस परिवार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसमें ओमिक्रॉन वैरियंट के लक्षण पाए गए।
इस बारे में बीते दिन प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इन मरीजों को 5 दिसंबर को अस्पताल में एडमिट किया गया था। फिलहाल सभी को डिस्चार्ज कर दिया है और 7 दिनों तक घर में क्वारंटीन रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा पुणे में ओमिक्रॉन के मरीज की कोरोना संक्रमण (Omicron Variant Cases In India) निगेटिव आ गई है। जिसे 10वें दिन गाइडलाइन के अनुसार क्वांरटीन से बाहर कर दिया जाएगा।
दूसरी तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर बूस्टर शॉट्स के लिए कोविड-19 टीकों की जमाखोरी के खिलाफ अमीर देशों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि जो देश ऐसा कर रहे हैं उससे उन गरीब देशों में टीके की आपूर्ति बाधित होगी, जहां पहले से ही वैक्सीनेशन दर काफी कम है।