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Corona News: राज्यों की लापरवाही से भयावह हुए हालात, यहां बरती गई खूब लापरवाही

Corona News: इन दिनों संक्रमण मामलों में भी कमी आई है। ऐसे में केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी की पहली लहर थमते ही राज्य कोरोना के प्रति एकदम से लापरवाह हो गए।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 8 Jun 2021 1:36 AM GMT
central government, first wave of the corona epidemic subsided, the states became completely careless towards the corona.
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कोरोना में बरती लापरवाही(फोटो-सोशल मीडिया)

Corona News: बीते दिनों कोरोना के भीषण कहर से अपना कुछ राहत का एहसास हुआ है। इन दिनों संक्रमण मामलों में भी कमी आई है। ऐसे में केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना महामारी की पहली लहर थमते ही राज्य कोरोना के प्रति एकदम से लापरवाह हो गए। महामारी से निपटने के लिए बने अस्थाई अस्पतालों को ही नहीं हटाया, बल्कि टीकाकरण अभियान में गंभीर सुस्ती दिखाई।

इन हालातों में विपक्ष शासित ज्यादातर राज्यों ने जनवरी से मार्च महीने तक उपलब्ध कराए गए टीकों का बमुश्किल एक तिहाई टीका ही उपयोग किया। इनमें अधिकतर राज्य फ्रंटलाइन वर्कर और स्वास्थ्यकर्मियों के टीकाकरण अभियान में राष्ट्रीय स्तर को छू भी नहीं सके।

जिसमें आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मार्च तक उपलब्ध कराए गए टीके के प्रति लापरवाही हैरान करने वाली है। कोरोना की पहली लहर खत्म होने और दूसरी लहर की शुरुआत के बीच राज्यों ने आपराधिक लापरवाही बरतते हुए टीकाकरण अभियान को सिर्फ प्रतीकात्मक मात्र ही रखा।

देखें राज्यों का हाल

ऐसे में सबसे पहले आंध्रप्रदेश की बात करें तो जनवरी से मार्च तक केंद्र ने 65.5 लाख टीके उपलब्ध कराए। जबकि राज्य में इनमें से सिर्फ करीब 26 लाख टीके का इस्तेमाल हुआ।

केरल को देखें तो यहां 62 लाख में से 34 लाख, तेलंगाना ने 42 लाख में से 13 लाख, महाराष्ट्र ने 1.43 करोड़ में से 62.1 लाख, दिल्ली ने 43.6 लाख में से 23.66 लाख, राजस्थान ने 1.5 करोड़ में 57.2 लाख, पंजाब ने करीब 29 लाख उपलब्ध टीकों में सिर्फ 8.4 लाख टीकों का ही इस्तेमाल किया। तो वहीं झारखंड ने करीब 30 लाख टीकों में से 16 लाख, छत्तीसगढ़ ने 43 लाख टीकों में से 16 लाख टीकों का ही इस्तेमाल किया।

इस बारे में केंद्र सरकार के अनुसार, इन राज्यों ने न सिर्फ टीके के इस्तेमाल में सुस्ती दिखाई, बल्कि रखरखाव के अभाव और लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में टीके बर्बाद होकर नष्ट्र हो गए।

ऐसे में केरल में चार जून तक 6.33 लाख, तेलंगाना में 2.25 लाख, महाराष्ट्र में 11.65 लाख, दिल्ली में 1.82 लाख, राजस्थान में 4.76 लाख, पंजाब में 1.43 लाख और झारखंड में 51,000 टीके बर्बाद हुए।

जिनमें से अधिकतर राज्य फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्यकर्मियों के टीकाकरण में भी लापरवाही बरती। इसके कारण कई राज्य 84 प्रतिशत टीकाकरण के राष्ट्रीय औसत से बहुत पीछे रहे। इन बीच राज्य सरकारों द्वार की गई लापरवाही का बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा।

ऐसे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, विपक्ष ने टीका के खिलाफ शुरू से ही माहौल बनाया। इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उसके बाद टीकों की कमी का रोना रोया। जबकि आंकड़े बताते हैं कि विपक्ष की मंशा टीकाकरण को फेल करने की थी। सीधी सी बात है कि विपक्ष ने टीकाकरण के खिलाफ गंभीर साजिश रची। हम इस मुद्दे को व्यापक स्तर पर उठाएंगे।

Vidushi Mishra

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