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भारत छोड़ कर दूसरे देशों में बसने की जबर्दस्त बेकरारी, कोरोना ने कर दिया मजबूर

अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोग अन्य देशों में जाकर बसने की प्रक्रिया पूछ रहे हैं। ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई थी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Chitra Singh
Published on: 18 Jun 2021 8:43 AM GMT
Indian are shifting abroad
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विदेश (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने लोगों, खासतौर पर भारतीयों (Indians) की जिंदगी पर जबर्दस्त असर डाला है। सबसे बड़ा असर ये है कि अब बहुत से लोग भारत छोड़ कर दूसरे देशों में बसने के लिए बेकरार हो गए हैं। वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) की स्थिति और आर्थिक दुश्वारियों की वजह से लोग जल्दी से जल्दी बाहर चले जाना चाहते हैं। लोग उन देशों में ठिकाना ढूंढ रहे हैं, जहां अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं हों और काम मिल सके।

जो युवा पहले ये तय नहीं कर पा रहे थे कि विदेश में बसने का निर्णय लें कि नहीं, वो अब पक्का मन बना चुके हैं कि उन्हें अब जल्दी से जल्दी चले जाना है। इसके लिए वीजा की इन्क्वायरी, एडमिशन के प्रयास आदि तेज हो गए हैं। बहुत से ऐसे युवा जो विदेशों में पढ़ाई के लिए गए हैं, वो अब वहीं स्थाई रूप से बसना चाहते हैं और इसके इंतजाम में लग गए हैं।

अल जजीरा (Al Jazeera) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के तमाम वीज़ा और इमीग्रेशन सेवाप्रदाताओं का कहना है कि पिछले दो महीनों में इमीग्रेशन इन्क्वायरी की बाढ़ सी आई है। लोग अन्य देशों में जा कर बसने की प्रक्रिया पूछ रहे हैं। इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई थी।

ट्रैवेल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Travel Agents Association of India) के अध्यक्ष ज्योति मायल (Jyoti Mayal) के अनुसार, विदेश जा कर बसना चाहने वालों की संख्या में बहुत तेजी आई है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी से जिस तरह निपटा गया और इस महामारी का बाजार पर जो असर पड़ा है उसकी वजह से अब लोग देश छोड़कर अन्यत्र जाना चाहते हैं। लोग ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहां वे काम कर सकें और सुरक्षित रहें। मायल ने बताया कि विदेशों में बसे भारतीय अपने परिवारवालों को अपने पास बुलाने के रास्ते तलाश रहे हैं और इस बारे में बहुत लोग जानकारी ले रहे हैं।

विदेशों में बसना चाहते है भारतीय (कॉन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)

इमीग्रेशन सहायता सम्बंधित सेवाएं देने वाली एजेंसियों का कहना है कि पहले पूछताछ करने वाले ज्यादातर लोग अल्प आय वर्ग के होते थे जो बाहर जा कर पैसा कमाना चाहते थे। लेकिन अब बड़ी संख्या में मिडिल क्लास और अपर मिडिल क्लास के लोग बाहर जाने की जानकारी ले रहे हैं।

रईस लोग कर रहे पलायन

भारत छोड़ने वालों में रईस लोग सबसे आगे हैं। ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू रिपोर्ट (Global Wealth Migration Review Report) के अनुसार, वर्ष 2020 में करीब 5000 रईसों ने भारत को अलविदा कह दिया। रईसों के लिए मनपसंद देश में जाकर बसना आसान होता है क्योंकि ये लोग बड़ी रकम निवेश कर आसानी से परमानेंट रेजिडेंस पा सकते हैं।

जाने की बेकरारी

केरल की एक एजेंसी के अनुसार उनके पास रोजाना सौ इन्क्वायरी आ रही हैं। ये अभूतपूर्व स्थिति है। लीग थाईलैंड, मलेशिया, कतर, अमेरिका और कनाडा में काम तलाश रहे हैं। लोग यही जानना चाहते हैं कि किन देशों में भारतीयों को आने और काम करने की इजाजत है। वहीं महाराष्ट्र की एक वीज़ा एजेंसी का कहना है कि बीते दो महीने में उनके पास इमीग्रेशन की पूछताछ करने वालों की संख्या 40 फीसदी बढ़ गई है।

विदेशी यूनिवर्सिटी और अन्य संस्थानों में एडमिशन लेने की इन्क्वायरी बहुत बढ़ गईं हैं। इस तरह की सेवाएं देने वाली एजेंसियों का कहना है कि खासकर न्यूज़ीलैंड के बारे में बहुत लोग पूछताछ कर रहे हैं।

Chitra Singh

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