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Corona Second Wave: गर्भवती महिलाओं के लिए तबाही बनकर आई दूसरी लहर, अब वैक्सीनेशन बहुत जरूरी
Corona Second Wave: कोरोना वायरस की दूसरी लहर(Corona Virus Second Wave) ने भीषण तबाही मचाई। इस कोरोना लहर ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों को जन्म दे चुकीं महिलाओं पर सबसे ज्यादा असर डाला है।
Corona Second Wave: भारत में साल 2021 में कोरोना वायरस की दूसरी लहर(Corona Virus Second Wave) ने भीषण तबाही मचाई। इस कोरोना लहर ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों को जन्म दे चुकीं महिलाओं पर सबसे ज्यादा असर डाला है। साथ ही इसमें गंभीर लक्षण वाले मामले और मृत्यु दर भी पहली लहर की अपेक्षा इस लहर में ज्यादा रही।
ऐसे में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने गर्भवती महिलाओं और हाल ही में बच्चों को जन्म दे चुकीं महिलाओं पर ज्यादा असर डाला। गंभीर लक्षण वाले केस और मृत्यु दर भी पहली लहर के मुकाबले इस लहर में ज्यादा रहे।
इस स्टडी में गर्भवती और बच्चों को जन्म दे चुकीं महिलाओं के मामलों की पहली और दूसरी लहर के दौरान तुलना की गई।
महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन ज्यादा जरूरी
सामने आए इस अध्ययन के अनुसार, कोरोना की दूसरी लहर में लक्षण वाले मामले इस बार अधिक थे जो कि 28.7 प्रतिशत थे, जबकि पहली लहर में ये आंकड़ा 14.2 प्रतिशत तक था. वहीं, दूसरी लहर में मृत्यु दर 5.7प्रतिशत था और पहली लहर में सिर्फ 0.7प्रतिशत तक रहा था।
हुए इस रिसर्च में कुल 1530 गर्भवती और बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं पर किया गया, जिसमें से 1143 पहली लहर, 387 दूसरी लहर में शामिल थीं।
महामारी कोरोना की पहली और दूसरी लहर में मिलाकर कुल मृत्यु दर दो प्रतिशत था, जिसमें अधिकांश कोविड निमोनिया और सांस लेने में परेशानी होने के भी कई मामले थे। इस अध्ययन से ये बिल्कुल साफ हो गया कि इस श्रेणी की महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन काफी ज्यादा जरूरी है।
देशभर में हाल ही में बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लेने की सलाह दी गई है, लेकिन अभी सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइन्स नहीं जारी की गई हैं। इस मामले पर नेशनल टेक्निकल एडवाइज़री ग्रुप ऑफ इम्युनिजेशन में मंथन चल रहा है।
इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में इसको लेकर सिफारिश की थी कि अगर गर्भवती महिलाओं को कोविड का ज्यादा खतरा हो और अगर उन्हें अन्य बीमारियां हैं तो उन्हें टीका लगाया जाना चाहिए।