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Corona Vaccination: खुशखबरी! सितंबर से शुरू हो सकता है बच्चों का वैक्सीनेशन, एम्स ने दिया बड़ा बयान

Corona Vaccination: दिल्ली एम्स (AIIMS) डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार, कोविड वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल सितंबर तक पूरा हो जाएगा।

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Newstrack NetworkPublished By Chitra Singh
Published on: 25 July 2021 10:11 AM IST
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रणदीप गुलेरिया-बच्चों का वैक्सीनेशन (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Corona Vaccination: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Delhi AIIMS Director Randeep Guleria) शनिवार को एक राहतभरी खबर दी है। उन्होंने बताया है कि वे भारत में बच्चों का वैक्सीनेशन सितंबर से शुरू हो सकता है। अगर डीजीसीए (DGCA) से मंजूरी मिली, तो जल्द ही बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि अभी तक इसे मंजूरी मिली नहीं है।

एम्स (AIIMS) डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) के अनुसार, कोविड वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल सितंबर तक पूरा हो जाएगा। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) की स्वीकृति मिलते ही बच्चों के टीकाकरण अभियान प्रारंभ कर दिया जाएगा। फिलहाल एम्स में भारत बॉयोटेक (Bharat Biotech) और सीरम (Serum) के वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के तीनों चरण पूर्ण होने पर डीजीसीए (DGCA) आपातकालीन उपयोग की अनुमति प्रदान कर सकता है।

आपको बता दें कि एम्स में आने वाले सप्ताह में 2 से 6 साल के बच्चों पर भारत बॉयोटेक (Bharat Biotech) का कोवैक्सीन (Covaxin) के दूसरे खुराक का ट्रायल शुरू होने वाला है। इसके लिए एम्स ने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं 6 से 12 साल के बच्चों पर इस वैक्सीन के दूसरे डोज का ट्रायल हो चुका है।

कोवैक्सीन के अलावा एम्स ने जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) का भी ट्रायल पूरा कर चुका है। इस वैक्सीन को इमरजेंसी के लिए इस्तेमाल करने की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। वहीं फाइजर (Pfizer) वैक्सीन को अमेरिकी नियामक (US regulator) के तरफ से हरी झंडी दिखा दिया गया है। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि भारत में सितंबर तक बच्चों का वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो सकता है।

'डेल्टा प्लस' वेरिएंट बहुत ही खतरनाक- गुलेरिया

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने ये भी बताया कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave) ने दस्तक दे दिया है। पूरे विश्व में रफ्तार से फैल रहे कोरोना की तीसरी लहर यानी 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट (Delta plus variant) के केस अब भारत में भी दिखाई देना लगे हैं। बताया जा रहा है कि 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट बहुत ही खतरनाक है। जिसे देखते हुए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कई सुझाव दिए हैं।

एम्स के निदेशक डॉ गुलेरिया ने कहा कि 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट से लड़ने के लिए लॉकडाउन, वैक्सीनेशन और कोविड प्रोटोकॉल ही एकमात्र मजबूत हथियार है। डॉ ने आगे कहा कि यह कहना बहुत मुश्किल है कि देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट से तमाम तरह की समस्या पैदा हो रहा है। लेकिन इस समय पूरा देश में डेल्‍ट प्‍लस वेरिएंट तेजी से बढ़ रहा है जिसे देखते हुए हम सभी को नियमों से कोई समझौता नहीं करना है। इस समय कोरोनावायरस के नए मामले को देखते हुए इसपर नजर रखने की जरूरत है।



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Chitra Singh

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