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कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर: अब दफ्तरों में लगेगी वैक्सीन, ऐसे करना होगा रजिस्ट्रेशन
पूरे देश में कोरोना वैक्सीनेशन तेजी से हो रहा है। ऐसे में दफ्तरों में काम करने वाले लोगों के मन में ये सवाल आता होगा
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वैक्सीनेशन तेजी से हो रहा है। ऐसे में दफ्तरों में काम करने वाले लोगों के मन में ये सवाल आता होगा, कि क्या वे वैक्सीन लेने के लिए पात्र हैं? जीं हां अगर आपकी उम्र 45 साल से ज्यादा है तो आप वैक्सीन ले सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 1 अप्रैल से जारी निर्देशों के तहत, 1 जनवरी 1977 से पहले जन्मे सभी लोग वैक्सीन लेने के लिए पात्र हैं। इस बारे में 6 अप्रैल को जो नोटिफिकेशन जारी हुआ, उसमें इस बारे में कोई बदलाव नहीं है। और साफ शब्दों में कहा गया है कि 45 से ज़्यादा उम्र के कर्मचारी अपने वर्कप्लेस पर वैक्सीन ले सकते हैं। कर्मचारियों के लिए कोरोना वैक्सीन से संबंधित जानकारी के लिए ये लेख काफी महत्वपूर्ण है। इसमें आपको सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगें।
कर्मचारी के परिजन लगवा सकते हैं वैक्सीन
दफ्तर में उम्र के पैमाने पर खरे उतरने पर क्या कर्मचारियों के सभी रिश्तेदार भी दफ्तर में वैक्सीन के लिए पात्र हैं? तो इसका जवाब नहीं है। मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, 'पात्र परिजनों के अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति वर्कप्लेस पर बने कोविड वैक्सीनेशन सेंटर (CVC) में वैक्सीन नहीं लगवा सकता।' यानी हर एम्प्लॉयी के दफ्तर में उसके परिजन भी नियम अनुसार वैक्सीन ले सकेंगे।
तो फिर दफ्तरों में वैक्सीन लगवाने की सरकार ने इस तरह की पहल क्यों की? इस बारे में सरकार का मानना है कि 45-59 साल की उम्र के बीच (कुछ हद तक तक 65 साल तक के लोग भी) की 'बड़ी आबादी' संगठित क्षेत्र में काम करती है, जो सरकारी या निजी क्षेत्र में सेवा या रोज़गार प्राप्त हैं। तो इन लोगों को वैक्सीन के लिए कहीं और जाकर लाइनों में न लगना पड़े, इसलिए सरकार ने इस तरह की पहल की।
लेकिन दफ्तरों में वैक्सीनेशन का सिलसिला आखिर कब से शुरू होगा? दफ्तरों में वैक्सीनेशन के तहत 11 अप्रैल से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इस तरह के सेंटर शुरू होंगे। ऐसे में केंद्र ने राज्यों के संबंधित अधिकारियों से सरकारी और निजी क्षेत्रों के प्रबंधकों से महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा कर लेने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
वैक्सीनेशन सेंटर सुरक्षित होंगे?
अच्छा तो क्या सभी दफ्तरों में ऐसे वैक्सीन सेंटर होंगे? इसका जवाब नहीं है। वैक्सीन सेशन के लिए वर्कप्लेस पर कम से कम 100 ऐसे लोग होने चाहिए, जो वैक्सीन के लिए पात्र और इच्छुक हों। साथ ही वैक्सीन बर्बाद न हो, इसके लिए ये पैमाना तय किया गया।
सरकार की इस पहल के तहत क्या दफ्तरों में खुलने वाले ये वैक्सीनेशन सेंटर सुरक्षित होंगे? जीं हां किसी भी सरकारी दफ्तर में जब ऐसा सेंटर खोला जाएगा, जो उसे नज़दीकी सरकारी अस्पताल के साथ और इसी तरह प्राइवेट दफ्तर के सेंटर को नज़दीकी प्राइवेट अस्पताल के साथ टैग किया जाएगा। और सरकारी मान्यता प्राप्त ये अस्पताल ही नज़दीकी दफ्तरों में वैक्सीनेशन के लिए टीम और प्लान देंगे।
कर्मचारी ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
लेकिन कहां सेंटर खोले जाने हैं, वर्कप्लेसों को कैसे चुना जाएगा? ये काम ज़िला टास्क फोर्स की अध्यक्षता ज़िला मजिस्ट्रेट और शहरी क्षेत्रों में टास्क फोर्स की अध्यक्षता नगर निगम आयुक्त करेंगे। ऐसे में जिन वर्कप्लेसों में सेंटर खोले जाने हैं, वहां का मैनेजमेंट एक अधिकारी को नोडल अफसर के तौर पर नियुक्त करेगा, जो प्रशासन के साथ कॉर्डिनेशन करेगा।
ये भी बता दें कि इस नोडल अफसर के ज़िम्मे क्या काम होंगे? इनके जिम्मे किसे वैक्सीन कब लगाई जानी है, आईटी या फिज़िकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता कैसी है आदि सभी संबंधित पहलुओं की निगरानी और व्यवस्था करवाना ये ज़िम्मेदारियां होगी।
अब किस तरह से पात्र कर्मचारी रजिस्टर कर सकेंगे? सबसे जरूरी सवाल तो इसके लिए लाभार्थी CoWIN प्लेटफॉर्म के ज़रिये रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। नोडल अफसर पूरी प्रोसेस पर नज़र रखेंगे। दफ्तर के कर्मचारियों के लिए ऑन द स्पॉट सुविधा भी होगी।