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Corona Vaccine: वैक्सीन के नाम पर पानी और एंटीबायोटिक के इंजेक्शन लगाए

Corona Vaccine: भारत में महामारी के दौर में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में नकली वैक्सीनें लगाए जाने के मामले सामने आए हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 25 Jun 2021 1:34 PM GMT (Updated on: 25 Jun 2021 1:35 PM GMT)
many cases of cheating patients by giving fake medicines and empty cylinders of oxygen have been reported in India.
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कोरोना वैक्सीनेशन (फोटो-सोशल मीडिया)

Corona Vaccine: कोरोना महामारी के दौरान भारत में मरीजों को नकली दवाएं और ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर देकर ठगने के तमाम मामले सामने आ चुके हैं। अब कोरोना वैक्सीनेशन अभियान में नकली वैक्सीनें लगाए जाने के मामले पकड़े गए हैं। मुंबई में तो दो हजार लोगों को वैक्सीन के नाम पर पानी का इंजेक्शन लगा दिया गया।

सेलाइन वाटर का इंजेक्शन

मुंबई पुलिस ने बताया है कि एक प्राइवेट अस्पताल में दो हजार लोगों को कोरोना की वैक्सीन के नाम पर सीरिंज में साधारण सेलाइन वाटर भर कर लगा दिया गया। इस मामले में दो डॉक्टरों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जाता है कि इस अस्पताल ने मुम्बई में दस जगहों पर नकली इंजेक्शन लगाए थे।

कोलकाता में एंटीबायोटिक लगाई

कोरोना वैक्सीनेशन (फोटो-सोशल मीडिया)

कोलकाता में भी जनता को लूटने का एक वाकया सामने आया है। यहां एक आदमी गिरफ्तार किया गया जो अपनेआप को सरकारी अधिकारी बता कर जगह जगह वैक्सीनेशन कैम्प लगाता था। पता चला है इस व्यक्ति ने कोलकाता में आठ जगह वैक्सीनेशन कैम्प लगाए थे।

पुलिस ने बताया कि इन कैम्पों में दिव्यांगों और किन्नरों समेत 500 लोगों को नकली इंजेक्शन लगाए गए। इन कैम्पों को संचालित करने वाला ठग एंटीबायोटिक दवा के वायल पर कोविशील्ड का लेबल चिपका देता था।

लोगों को बताया जाता था कि उनको कोविशील्ड लगाई जा रही है जबकि असलियत में उन्हें अमिकासिन सलफेट 500 के इंजेक्शन लगाए जाते थे। ये बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज की दवा है। ये मामला तब पकड़ में आया जब राजनेता मिमी चक्रवर्ती ने लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसे ही एक कैम्प में वैक्सीन लगवाई।

मिमी को कैम्प में कुछ गड़बड़ लगा और उन्होंने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने छापा मार कर कई नकली आईडी कार्ड बरामद किए। ये नकली कार्ड सूचना प्रसारण मंत्रालय और म्युनिसिपल कमिश्नर के नाम के थे।

मामले का भंडाफोड़ हो के के बाद अब वे लोग बहुत परेशान हैं जिनको उन कैम्पों में इंजेक्शन लगाया गया था। लोगों में डर है कि जो दवा उन्हें लगाई गई उसका कोई गंभीर साइडइफ़ेक्ट न हो जाये।

Vidushi Mishra

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