TRENDING TAGS :
Coronavirus Vaccine: वैक्सीन की वजह से पहली मौत, सामने आया नया केस
भारत में वैक्सीन की वजह से एक 68 साल से व्यक्ति की मौत की पुष्टि की गई है।भारत सरकार के द्वारा गठित पैनल ने इसकी पुष्टि की है।
Corona Vaccine: कोरोना ने 30 जनवरी 2020 को देश में कदम रखा था और कोरोना का पहला मामला सामने आया था। मार्च शुरू होते ही देश में कोरोना के मामले बढ़ने लगे। कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में तहलका मचा दिया था। महामारी से राहत के लिए वैक्सीन आई और वैक्सीनेसन का कार्य शुरू हो गया। अब तक सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन अब एक दु:खद खबर सामने आई है कि भारत में वैक्सीन की वजह से एक 68 साल से व्यक्ति की मौत की पुष्टि की गई है।
आपको बता दें कि भारत सरकार के द्वारा गठित पैनल ने इसकी पुष्टि की है। मिली जानकारी के मुताबिक, 68 साल के व्यक्ति को 8 मार्च, 2021 को वैक्सीन की डोज़ दी गई थी, जिसकी बाद में मौत हो गई। वैक्सीन लगने के बाद कोई गंभीर बीमारी होने या मौत होने को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है।
वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सीस से हुई मौत
AEFI के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों का असेसमेंट करने के बाद कन्फर्म किया कि एक बुजुर्ग जिसकी उम्र 68 साल थी, उसकी मौत वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सीस (Anaphylaxis) से हुई। ये एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन होता है। बुजुर्ग को 8 मार्च 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगी थी और कुछ दिन बाद ही उनकी मौत हो गई थी।
तीन और मौतों की वजह वैक्सीन
AEFI कमेटी के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने एक निजी चैनल से पहली मौत की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने इस मामले में आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। तीन और मौतों की वजह वैक्सीन को माना गया है, लेकिन अभी पुष्टि होना बाकी है। सरकारी पैनल की रिपोर्ट कहती है, "वैक्सीन से जुड़े हुए अभी जो भी रिएक्शन सामने आ रहे हैं, उनकी उम्मीद पहले से ही थी, जिन्हें मौजूदा साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ये रिएक्शन एलर्जी से संबंधित या एनाफिलैक्सीस जैसे हो सकते हैं।"
16 जनवरी और 19 जनवरी को वैक्सीन लगाई गई थी
रिपोर्ट में बताया गया है कि Anaphylaxis के दो केस और सामने आए थे। इन लोगों को 16 जनवरी और 19 जनवरी को वैक्सीन लगाई गई थी। हालांकि, ये दोनों ही मरीज अस्पताल में भर्ती होने के बाद ठीक हो गए थे।