Corona Vaccine: बूस्टर डोज के लिए बढ़िया हैं हमारी तीनों वैक्सीनें

Corona Vaccine: अब भारत में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगेगी और 60 साल से ऊपर वालों को बूस्टर डोज लगेगी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Chitra Singh
Published on: 26 Dec 2021 4:46 AM GMT (Updated on: 26 Dec 2021 4:47 AM GMT)
एक लाख साठ हजार लोगों ने नहीं ली कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज
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एक लाख साठ हजार लोगों ने नहीं ली कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज (कॉन्सेप्ट फोटो - सोशल मीडिया)

Corona Vaccine: अब भारत में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगेगी और 60 साल से ऊपर वालों को बूस्टर डोज लगेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ये एलान किया है। शुरुआती संकेत दिखाते हैं कि वैक्सीन की दो खुराकें ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी नहीं हैं, लेकिन फाइजर (pfizer) और मॉडर्ना (moderna vaccine) के बाद अब एस्ट्राजेनेका ने भी बताया है कि उसकी वैक्सीन के बूस्टर इंजेक्शन (Booster Injection) ओमिक्रॉन के खिलाफ सुरक्षा दे सकते हैं। यही बात कोवैक्सिन (Covaxin vaccine) और स्पूतनिक (Sputnik V vaccine) के बारे में कही गई है।

अभी ये स्पष्ट नहीं है कि भारत में बूस्टर या प्रीकौशन डोज़ उसी वैक्सीन की लगेगी जो पहले दो मर्तबा लग चुकी है या फिर बूस्टर इंजेक्शन किसी भी वैक्सीन का हो सकता है। मुमकिन है इस बारे में आगे कुछ स्पष्टता आएगी।

कोविशील्ड (Covishield)

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नए अध्ययन में पता चला है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का बूस्टर इंजेक्शन इंसानी शरीर में ओमीक्रान वेरिएंट (Omicron Variants) को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडीज का स्तर बढ़ा देता है। यह वैक्सीन भारत में कोविशील्ड नाम से जानी जाती है और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इसका उत्पादन कर रही है। कोविशील्ड का बूस्टर इंजेक्शन लेने के एक महीने बाद व्यक्ति में ओमीक्रान वेरिएंट के खिलाफ उसी स्तर की एंटीबॉडीज देखी गई, जो डेल्टा वेरियंट के खिलाफ दूसरी खुराक लेने के एक महीने बाद देखी गई थी।साथ ही बूस्टर शॉट के बाद इंसानी शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज का स्तर डेल्टा या किसी दूसरे वेरिएंट से संक्रमण से ठीक होने के बाद पाए जाने वाले स्तर से अधिक था।

कोविशील्ड और कोवैक्सिन (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

कोवैक्सिन

भारत में कोवैक्सिन ले चुके लोगों को भी बूस्टर डोज दी जा सकती है। डब्ल्यूएचओ ने सिफारिश की है कि ओमीक्रान के खतरे के मद्देनजर पूरी तरह से निष्क्रिय वायरस-आधारित वैक्सीन लेने वालों को बूस्टर खुराक मिलनी चाहिए। कोवैक्सिन ऐसी ही वैक्सीन है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीकट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोवैक्सिन की बूस्‍टर डोज कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट पर असरदार साबित हो सकती है।

Chitra Singh

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