Corona Vaccine: इंजेक्शन से डरने वालों के लिए खुशखबरी, अब ऐसे नहीं लगेगी कोरोना वैक्सीन, जानिए ये राज की बात

Corona Vaccine: भारतीय कंपनी जाइडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन जाइकोव डी की आपूर्ति देश में शुरू कर दी है।

Krishna Chaudhary
Published on: 3 Feb 2022 8:14 AM GMT
Corona Vaccine
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कोरोना वैक्सीन (फोटो-सोशल मीडिया)

Corona Vaccine: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच भारत को इस मोर्चे पर एक और बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। भारतीय कंपनी जाइडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन जाइकोव डी की आपूर्ति देश में शुरू कर दी है। बिना सुई वाले इस वैक्सीन को 12 साल और उससे ऊपर के लोगों को दिया जाएगा। हालांकि भारत में फिलहाल इस निडिल फ्री इंजेक्शन को 18 साल के ऊपर के ही लोगों को दिया जाएगा।

ये वैक्सीन बाजार में मौजूद अन्य वैक्सीनों के मुकाबले अलग है क्योंकि इसकी तीन खुराकें दी जाती है। स्वदेशी कंपनी जाइडस कैडिला की वैक्सीन जाइकोव डी को भारत सरकार ने बीते साल अगस्त माह में ही मंजूरी दे दी थी। लेकिन इसे इस्तेमाल में अब तक नहीं लाया जा सका था।

कैसे लगेंगे वैक्सीन के तीन डोज

जाइकोव डी कोरोना वैक्सीन के तीन डोज 28 – 28 दिन के अंतराल पर लगेंगे। पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक 28 दिन के बाद जबकि तीसरी खुराक 56 दिन के अंतराल पर लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार ने जाइडस कैडिला को वैक्सीन के एक करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन की तरह ही सरकार अभी इसे आम लोगों के लिए फ्री में ही मूहैया कराएगी।

वैक्सीन से जुड़ी कुछ खास बातें

तीन डोज और निडिल फ्री होने के कारण जाइकोव डी को बाजार में मौजूद अन्य कोरोना वैक्सीनों से अलग बनाती है। अभी तक बाजार में उपलब्ध वैक्सीन निडिल के साथ इस्तेमाल में लायी जाती हैं।

इसके अलावा जितनी भी वैक्सीन है वो या तो एक खुराक वाली है या दो खुराक वाली है। जाइकोव डी में कुछ और खास बातें हैं जो इसे अन्य वैक्सीनों से अलग खड़ा करती है। पहला है इसका डीएनए बेस्ड वैक्सीन होना। जाइकोव को विश्व का पहला डीएनए बेस्ड वैक्सीन माना जाता है।

अभी तक दुनिया में जितनी भी वैक्सीन आई हैं, सभी mRNA तकनीक का इस्तेमाल करती हैं। जिसे मैसेंजर RNA भी कहा जाता है। ये बॉडी के अंदर जाकर कोरोना के विरूध्द (एंटीबॉडी बनाने का संदेश देती है। हेल्थ एक्सपर्टों ने डीएनए वैक्सीन को mRNA वैक्सीन के मुकाबले अधिक असरदार औऱ मजबूत माना है। डीएनए वैक्सीन शरीर की इम्युनिटि बढ़ाने के लिए जेनेटिक मेटेरियल का उपयोग करती है।

जाइकोव डी की दूसरी सबसे खास बात ये है कि इसका रखरखाव आसान है। इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर लंबे समय तक स्टोर कर रखा सकता है। इसके अलावा 25 डिग्री के तापमान में भी इसे 4 माह तक रखा जा सकता है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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