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Corona Virus Booster Dose: अब लगाई जा रही कोरोना की पांचवीं बूस्टर डोज़

Corona Virus Booster Dose: तुर्की के स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशिष्ट समूह के लोगों के लिए बूस्टर की पांचवीं डोज़ उपलब्ध करा दी है। जिन लोगों को चीन में बनी सिनोवैक की दो डोज़ तथा फाइजर-बायोएनटेक की दो डोज़ कम से कम तीन महीने पहले लग चुकी हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Divyanshu Rao
Published on: 2 Jan 2022 8:53 PM IST
covid booster Dose
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कोरोना बूस्टर डोज की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

kaCorona Booster Dose: अभी एक तरफ़ कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की तीसरी- चौथी डोज़ की बातें हो रहीं हैं वहीं तुर्की ने वायरस से बचाव के लिए पांचवीं बूस्टर डोज़ लगाना शुरू कर दिया है। तुर्की के स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशिष्ट समूह के लोगों के लिए बूस्टर की पांचवीं डोज़ उपलब्ध करा दी है। जिन लोगों को चीन में बनी सिनोवैक की दो डोज़ तथा फाइजर-बायोएनटेक की दो डोज़ कम से कम तीन महीने पहले लग चुकी हैं उन्हें पांचवीं डोज़ मिल सकेगी। ये डोज़ सिनोवैक, बायोएनटेक या तुर्की में बनी तुर्कोवैक वैक्सीन बतौर बूस्टर दी जाएगी। निष्क्रिय वायरस से बनी तुर्कोवैक वैक्सीन तुर्की में डेवलप की गई है। इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिलने के बाद 31 दिसम्बर से ये वैक्सीन लोगों को लगाई जाने लगी है।

क्या है बूस्टर डोज़ (Coronavirus Booster Dose Kya Hai)

समय के साथ शरीर में वैक्सीन द्वारा बनी एंटीबॉडी कम हो जाती है। इस वजह से कई देश लोगों को वैक्सीन का बूस्टर डोज दे रहे हैं। माना जाता है कि वैक्सीन लेने के 9 महीने से 1 साल तक शरीर में एंटीबॉडी रहती है और उसके बाद यह कम होने लगती है। यानी शरीर में एंटीबॉडी लेवल बनाए रखने के लिए आपको बूस्टर डोज लेना होगा।

कोरोना वायरस की बूस्टर डोज की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

दुनियाभर के 35 से भी ज्यादा देश अपने नागरिकों को बूस्टर डोज दे रहे हैं। अलग-अलग देशों में कोमोर्बिडिटी और अलग-अलग फैक्टर को ध्यान में रखते हुए लोगों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जा रहा है।

इजराइल सबसे पहला देश है, जिसने बूस्टर डोज देने की शुरुआत की थी। इजराइल जुलाई से ही अपने नागरिकों को वैक्सीन का बूस्टर डोज लगा रहा है। अगस्त में सिर्फ 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही वैक्सीन का तीसरा डोज दिया जा रहा था, लेकिन फिलहाल 12 से ज्यादा उम्र के लोगों को बूस्टर डोज दिया जा रहा है।

बूस्टर डोज पर डब्लूएचओ का रुख देशों के विपरीत रहा है। नवंबर में डब्लूएचओ के प्रमुख ने कहा था कि बूस्टर डोज एक धांधली है और इसे रुकना चाहिए। जो देश लोगों को बूस्टर डोज दे रहे हैं, वे इसकी बजाय गरीब देशों को वैक्सीन दान करें।



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Divyanshu Rao

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