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देश के हालात भयानक: तीसरी लहर की चेतावनी, फिर लगेगा संपूर्ण लॉकडाउन?
बेकाबू होते हालातों पर अब भारत सरकार संपूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचाई हुई है। तो क्या अब भारत सरकार संपूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया है। इस बारे में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बुधवार को कहा कि नेशनल लॉकडाउन के ऑप्शन पर भी चर्चा चल रही है।
महामारी की इस स्थिति में वीके पॉल का ये बयान इसलिए भी जरुरी है, क्योंकि वे नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख हैं। ऐसे में अगर उनके पूरे बयान को देखें, तो उन्होंने कहा है कि ताजा हालात को लेकर एडवाइज़री जारी की गई हैं।
संपूर्ण लॉकडाउन विशेषज्ञों की राय
इसके साथ ही अगर पाबंदियों की बात करें, तो यदि सख्त पाबंदियों की ज़रूरत पड़ती हैं, तो हमेशा ऑप्शन पर चर्चा होती है। ऐसे में जिन फैसलों की ज़रूरत पड़ेगी, उन्हें लिया जाएगा।
जिसके चलते बुधवार को नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि राज्य सरकारों को पहले ही स्थानीय स्थिति के आधार पर, 10 फीसदी से अधिक पॉजिटिविटी रेट के आधार पर जिलावार पाबंदियां लगाने की सलाह दी गई है।
दूसरी तरफ देश में संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर ऐसे समय में चर्चा हो रही है, जब कई राज्य अपने यहां पहले ही लॉकडाउन, कर्फ्यू, नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन जैसे कदम उठा चुके हैं। बता दें, ये पाबंदियां जहां ज्यादा मामले जैसे महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश राज्यों में लागू की गई हैं।
जानकारी देते हुए बता दें कि भारत में जब से कोरोना की दूसरी लहर ने अपना असर दिखाना शुरू किया है, ऐसे में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक हल्कों के साथ-साथ विशेषज्ञों की तरफ से भी नेशनल लॉकडाउन को लेकर आवाज़ आनी शुरू हुई है। वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी संपूर्ण लॉकडाउन की मांग कर चुके हैं।
तीसरी लहर से खौफ
इस बारे में अमेरिका के टॉप हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. एंटनी फाउची भी कह चुके हैं कि भारत को मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए अपनी तमाम ताकत को झोंक देना होगा। अगर लॉकडाउन लगा जाता है, तो वह ट्रांसमिशन की रफ्तार को रोकेगा, ऐसे समय में सरकार को अपनी पूरी तैयारी करनी चाहिए।
बीते बृहस्पतिवार को ही भारत ने कोरोना के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए हैं। गुरुवार को कुल 4.12 लाख केस दर्ज किए गए, जबकि करीब 4 हजार मौतें दर्ज की गई हैं। वहीं भारत में एक्टिव मामलों की संख्या भी तीस लाख से ऊपर बनी हुई है।
भारत अभी कोरोना की दूसरी लहर का सामना ही कर रहा है। इसी बीच विशेषज्ञ तीसरी लहर को लेकर चेतावनी भी दे चुके हैं।
केंद्र सरकार के ही प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने पिछले दिन कहा था कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर का आना निश्चित है, हालांकि ये कब आएगी इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। वहीं अब ये सवाल खड़ा होता है कि जब दूसरी लहर के दौरान ही देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई, तो तीसरी लहर का मुकाबला कैसे होगा।
बृहस्पतिवार को तीसरी लहर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जाहिर की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार को अभी से तैयारी करनी होगी, क्योंकि अगर तीसरी लहर बच्चों पर असर डालती है तो बच्चों का इलाज, उनके मां-बाप का क्या होगा, ये सब सोचना होगा। इसके साथ ही डॉक्टर्स, नर्स का बैक-अप प्लान भी तैयार करके रखना होगा। जिससे स्थितियां हावी न हो पाएं।