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इन दवाओं के पीछे न भागें: AIIMS डायरेक्टर बता रहे कोरोना में रोल

कोरोना के बढ़ते कहर के बीच एम्स के डायरेक्टर ने बताया कि संक्रमण के इलाज में रेमडेसिविर और प्लाज्मा का क्या रोल है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Shreya
Published on: 19 April 2021 2:10 PM GMT
कोरोना में कितनी कारगर है रेमडेसिविर और प्लाज्मा
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कोरोना मरीज (प्रतीकात्मक फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। रोजाना लाखों में सामने आ रहे मामलों के बीच स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है। लगातार अस्पतालों में बेड की कमी होने के साथ साथ ऑक्सीजन व रेमडेसिविर मेडिसिन की किल्लत होने की शिकायतें सामने आ रही है।

इस बीच दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने रेमडेसिविर दवा की कमी को लेकर कहा कि हमने कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया है। साथ ही लोपिनवीर और रितोनवीर जैसी कई एंटी HIV दवाओं को भी ट्राई किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रेमडेसिविर दवा कोई जादू नहीं है, हम इसका इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि हमारे पास एक एंटी वायरल दवा नहीं है।

प्लाज्मा (फोटो- सोशल मीडिया)

प्लाज्मा ट्रीटमेंट पर डायेक्टर ने कही ये बात

वहीं, कोविड मरीजों के प्लाज्मा के जरिए ठीक होने पर उन्होंने कहा कि शुरूआत में इसे लेकर काफी रूचि थी, लेकिन अब रिसर्च में सामने आया है कि प्लाज्मा से डेथ रेट में कमी नहीं आ रही है। डायरेक्टर ने कहा कि प्लाज्मा की बहुत ही सीमित भूमिका है। इसके अलावा डॉ. वीके पॉल ने रेमडेसिविर दवा पर कहा कि रेमडेसिविर नेशनल प्रोटोकॉल का हिस्सा है, लेकिन बस प्रयोगात्मक थेरेपी के लिए।

भारत में बेकाबू हुआ कोरोना वायरस

गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Covid-19 Second Wave) के साथ संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। कई राज्यों में हालात काफी ज्यादा बेकार होते जा रहे हैं। बीते 24 घंटे के दौरान भारत में कोरोना के करीब दो लाख 75 हजार नए मरीज (Corona Cases in India) सामने आए हैं। जबकि इस दौरान 16 से ज्यादा लोगों ने बीमारी के चलते अपनी जान गंवा दी है। 1 लाख 44 हजार लोग रिकवर हुए। जिसके बाद एक्टिव केस की संख्या 19 लाख के पार पहुंच गई है।

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