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तीसरी लहर का खतरा: 51 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने की जरूरत, विशेषज्ञ की राय

महामारी के प्रकोप से बचने के लिए डॉ. शेट्टी ने कहा कि भारत को केवल 51 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने की जरूरत है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 16 May 2021 1:55 AM GMT (Updated on: 16 May 2021 1:56 AM GMT)
Dr. Shetty said that India only needs to vaccinate 51 crore people and this can easily be done in the next two-three months.
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अस्पताल प्रशासन (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर से मची तबाही के बीच स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा है। लगातार हो रही लोगों की मौतों की बीच तीसरी लहर के जल्द आने की आशंकाएं जताई जा रही है। इस बारे में नारायणा हेल्थ के चेयरपर्सन डॉ. देवी शेट्टी का कहना है कि अगले दो-तीन महीने में व्यापक वैक्सीनेशन अभियान ही प्रभावी और आर्थिक जरिया है जिससे भारत खुद को तीसरी लहर के दुष्प्रभाव से बचा सकता है।

सामने आई रिपोर्ट में एक इंटरव्यू में डॉ. शेट्टी ने कहा कि भारत को केवल 51 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने की जरूरत है और यह आसानी से अगले दो-तीन महीने में किया जा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि भारत के परिप्रेक्ष्य में कोरोना महामारी के प्रकोप को सुलझा पाना मुश्किल नहीं है। इसके लिए सस्ता और तेजी से वैक्सीनेशन अभियान ही उपाय है। यह साबित हो गया है कि वैक्सीन कारगर है। हमें 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की जरूरत है।

51 करोड़ लोगों की वैक्सीन जरूरी

साथ ही उन्होंने इस बारे में भी चर्चा की कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचने के लिए भारत में और क्या क्या उपाय किए जा सकते हैं। इस पर डॉ. शेट्टी ने कहा कि भारत को जल्द से जल्द देश में डॉक्टरों और नर्सों की कमी को दूर करना होगा ताकि कोरोना मरीजों को उचित देखरेख मिल सके। आगे उन्होंने कहा कि सही देखरेख की बदौलत कोरोना से होने वाली मौतें में कमी आएगी।

भारत में वैक्सीनेशन को लेकर उन्होंने कहा कि हमें यह समझने की जरूरत है कि हमारा देश काफी बड़ा है और यहां की जनसंख्या काफी ज्यादा है। लेकिन हमारे पास पर्याप्त स्रोत हैं। एक दिन के लॉकडाउन से देश को दस हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान होता है। हमें केवल 51 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की जरूरत है। 13 करोड़ लोगों को पहले ही वैक्सीन लग चुकी है (कम से कम एक डोज)।

आगे उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में हम बच्चों और 18 साल से कम के लोगों की जनसंख्या को घटा सकते हैं क्योंकि अबतक इस एज ग्रुप के लोगों के लिए वैक्सीन अधिकृत नहीं की गई है। ऐसे में केवल 51 करोड़ लोग बचते हैं जिनको वैक्सीन की दोनों डोज देनी है। ऐसा करने में 70 हजार करोड़ से भी कम का खर्चा आएगा।

बढ़ सकता है बच्चों में खतरा

वैक्सीन उत्पादन को लेकर उन्होंने कहा कि अगर हम (सरकार) दुनिया के अग्रणी वैक्सीन निर्माताओं से यह कहते हुए संपर्क करें कि हम आपको 10,000 करोड़ रुपये एडवांस देंगे, तो वे वैक्सीन उत्पादन में तेजी लाने के लिए सब कुछ करेंगे। भारत जैसे बड़े देश के लिए 70,000 करोड़ रुपये कुछ भी नहीं है। हमारी जीडीपी 200 लाख करोड़ रुपये की है।

आगे डॉ. शेट्टी ने कहा कि वैक्सीनेशन तीसरी लहर से बचने का एकमात्र उपाय है। इस पर उन्होंने कहा कि यह सबसे सस्ता तरीका है और वैक्सीनेशन के जरिए हम काफी लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं।

बच्चों की चिंता जाहिर करते हुए डॉ. शेट्टी ने कहा कि हम यह देख रहे हैं कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर की तुलना में अब बच्चों में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे समय के साथ-साथ वयस्क लोगों को या तो वैक्सीन लग जाएगी या फिर वो संक्रमित हो चुके होंगे और उनमें इम्यूनिटी बढ़ चुकी होगी।

लेकिन ऐसा होने पर वायरस नया होस्ट तलाशेगा। जिसके चलते यह संशय भरा है। वहीं 18 साल से कम उम्र के बच्चों को फिलहाल वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। तो अब मुझे लगता है कि बच्चों को खतरा है और हमें इसे लेकर एक्शन लेने की जरूरत है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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