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Delta Variant In India: तरह-तरह की बीमारियां दे रहा डेल्टा वेरियंट, हर मरीज में दिखाई दे रहे अलग लक्षण
Delta Variant In India: भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में मुख्यतः डेल्टा वेरियंट ही जिम्मेदार माना जा रहा है।
Delta Variant In India: कोरोना वायरस(Corona Virus) का भारतीय वेरियंट यानी 'डेल्टा'(Delta Variant) जिनको संक्रमित करता है, उनमें तरह तरह की बीमारियां पैदा कर देता है। डाक्टरों ने कोरोना के मरीजों में गैंग्रीन से लेकर बहरापन और हृदयरोग तक पाए हैं जो वायरस संक्रमण के बाद उत्पन्न हुए। हैरानी की बात है कि कोरोना के हर मरीज में अलग अलग तरह के लक्षण और समस्याएं देखी जा रही हैं।
भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में मुख्यतः डेल्टा वेरियंट ही जिम्मेदार माना जा रहा है।
खून के थक्के
कोरोना के बहुत से मरीजों में नसों में खून के थक्के जमने की शिकायत पाई गई है। सूक्ष्म आकार के इन थक्कों से ऊतक यानी टिश्यू मर जाते हैं और शरीर में गैंग्रीन पैदा हो जाता है। यही थक्के स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का कारण बन सकते हैं।
बहरापन और सूजन
डॉक्टरों के अनुसार, कोरोना के कई मरीजों में कान खराब होने की समस्या आ रही है। मरीजों में बहरापन, गर्दन के चारों ओर सूजन और तीव्र टांसिलाइटिस पाया जा रहा है। डाक्टरों का कहना है कि वर्तमान लहर में हर मरीज में अलग अलग तरह के लक्षण पाए जा रहे हैं। इससे पहले की लहर में ऐसा नहीं था। इस बार वायरस हर शरीर में अलग तरह से रियेक्ट करता प्रतीत हो रहा है।
फंगल इन्फेक्शन
डेल्टा वेरियंट और खतरनाक फंगल इन्फेक्शन का भी कोई ताल्लुक है। यही वजह है कि कई देशों में कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस समेत अन्य तरह के खतरनाक फंगल इन्फेक्शन मिल रहे हैं।
एन्टीबॉडी पर असर
अब ऐसा भी पता लग रहा है कि डेल्टा और अन्य वेरियंट वैक्सीनों को भी मात दे सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को अपने फार्मूले में बदलाव करना चाहिए या नई वैक्सीनें डेवलप करनी चाहिए। ऐसा करके ही नए वेरियंट को कंट्रोल किया जा सकेगा।