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सावधान! कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर में मचा सकती है तबाही, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में बच्चों को लेकर कही ये बड़ी बात

Coronavirus: पिछले दो सालों से कोरोना वायरस का कहर जारी है। पूरे विश्व में इस जानलेवा वायरस ने तबाही मचा रखी है।

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Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 23 Aug 2021 7:09 AM GMT (Updated on: 24 Aug 2021 4:27 PM GMT)
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बच्चे और कोरोना वायरस की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो साभार:सोशल मीडिया)

Coronavirus: पिछले दो सालों से कोरोना वायरस का कहर जारी है। पूरे विश्व में इस जानलेवा वायरस ने तबाही मचा रखी है। इसके बीच ही नीति आयोग ने अभी हाल ही में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को लेकर चेताया था। इसी के साथ ही अब गृह मंत्रालय के निर्देशन पर गठित कमेटी नेशनल इंस्टीट्युट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट के विशेषज्ञों की कमेटी ने भी बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट के मुताबित अक्टूबर माह में देश के भीतर कोरोना वायरस चरम पर होगा। तब ही कोरोना की तीसरी लहर भी संभव है। तीसरी लहर के दौरान बच्चों पर अधिक खतरा होने की आशंका है।

कोरोना वायरस संक्रमण पर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया गया है कि यदि बच्चे बड़ी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित होते हैं तो उनके लिए बाल चिकित्सा सेवाएं जैसे डॉक्टर मेडिकल स्टॉफ, वेटिंलेटर और एंबुलेंस जैसी सुविधाएं कहीं नहीं हैं। इस रिपोर्ट के मुताबित प्रधानमंत्री कार्यालय में भेज दिया गया है।

बच्चे को मास्क पहनाती महिला की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

नीति आयोग ने कहा भविष्य में 100 कोरोना केस में 23 को अस्पताल की जरुरत

इसके साथ ही नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल की प्रमुखता वाले समुह पिछले माह जुलाई में सरकार को सुझाव दिए थे। कि अगर भविष्य में कोविड-19 के मामले बढ़ते हैं तो 100 मामलों में 23 मामलों में अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यता पड़ेगी।

वहीं द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट ने मुताबित यह अनुमान सितंबर 2020 में दूसरी लहर से पहले समूह द्वारा दिए गए रिकॉर्ड से अधिक है। जब इसकी गणना की गई थी तो गंभीर या मध्यम लक्षणों वाले करीब 20 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यता होगी।

कोरोना वायरस संक्रमण की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

दूसरी लहर के बाद बड़ी संख्या में बेड निर्धारित करने की सिफारिश

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद बड़ी संख्या में अस्पतालों के बेड को अलग स्तर से निर्धारित करने की सिफारिश इस साल के अप्रैल-जून में देखे गए पैटर्न पर आधारित है। जब देश में कोरोना जून माह में अपने चरम पर था, 1 जून को देश भर में सक्रिय मामले 18 लाख थे तब 21.74% केस मे अधितम मामलों वाले राज्यों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी थी। इनमें से 2.2% लोग आईसीयू में भर्ती थे।

नीति आयोग ने कहा कोरोना की तीसरी लहर की बदतर हालत के लिए तैयार रहे

वहीं नीति आयोग को कहना है कि और कोरोना की दूसरी लहर से बदतर हालात के लिए हमें तैयार रहना है। आयोग ने एक दिन में 4 से 5 लाख कोरोना केस आने का अनुमान लगाया है। आयोग ने आगे कहा कि इसके साथ ही कहा कि अगले तीन महीने तक दो लाख आईसीयू बेड तैयार किए जान चाहिए। जिसमें 1.2 लाख आईसीयू बेड, 7 लाख बिना आईसीयू अस्पताल के बेड, इनमें से 5 लाख ऑक्सीजन वाले बेड और 10 लाख कोरोना आइसोलेशन केयर बेड होने चाहिए।

Divyanshu Rao

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