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Omicron Virus: बहुत तेजी से फ़ैल रहा ओमीक्रॉन, लेकिन अभी तक जानलेवा नहीं
Omicron Virus : वेरियंट डेल्टा (Delta variant) और अन्य वेरियंटों की अपेक्षा कम गंभीर बीमार कर रहा है।
Omicron Virus : कोरोना वायरस (Corona Virus) के ओमीक्रान वेरियंट (Corona New variant omicron) का संक्रमण बहुत तेजी से फ़ैल रहा है और साउथ अफ्रीका (South Africa) के अस्पताल फुल हो चुके हैं। लेकिन अभी तक का डेटा बताता है कि ये वेरियंट डेल्टा (Delta variant) और अन्य वेरियंटों की पेक्षा कम गंभीर बीमार कर रहा है। साउथ अफ्रीका में प्रिटोरिया के एक बड़े अस्पताल के शोधकर्ताओं ने बताया है कि कोरोना (Corona) से लोग बीमार तो हो रहे हैं लेकिन उनकी स्थिति गंभीर नहीं है और अस्पतालों में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीज अन्य कारणों से भर्ती किये गए हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि भर्ती किये गए बहुत से मरीजों में कोरोना के लक्षण (Corona ke lakchan) तक नहीं हैं, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस (Corona Virus) का असली इम्पैक्ट कभी भी तत्काल पता नहीं चला है सो अभी बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है और जब पर्याप्त डेटा और जानकारी मिल जाए तभी कोई निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए। शोधकर्ताओं के अनुसार अभी तक का रिकॉर्ड ये रहा है कि शुरूआती लहर के एक अंतराल के बाद ही बीमारी का गंभीर स्वरुप सामने आता है और मौतें बढ़ती हैं। अमेरिका के जॉन होपकिंस इंस्टिट्यूट के डॉ एमिली गुर्ले (Dr. Emily Gurley of the John Hopkins Institute of America) का कहना है कि अभी तो संकेत यही है कि नया वेरियंट (Corona New variant) कम तीव्रता वाला है लेकिन ये कोई निष्कर्ष नहीं है।
देश में जीरो कोरोना नीति अपनाई
बहरहाल, ओमीक्रान (Omicron) की संचारी क्षमता इसी से समझी जा आसक्ति है कि ये छह महाद्वीपों और 30 से ज्यादा देशों में फ़ैल चुका है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा संक्रामक स्वरुप है। ओमीक्रान का फैलाव अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप में काफी ज्यादा है। लेकिन ओमीक्रान फिलहाल चीन नहीं पहुंचा है। चीन के हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, चूँकि देश में जीरो कोरोना नीति अपनाई हुई है इसलिए एक भी केस आने पर तत्काल उपाय किये जाने का सिस्टम अपनी जगह पर तैनात है। चीन ने कोरोना का एक भी संक्रमण पता चलने पर सघन टेस्टिंग और घेराबंदी का फैलसा किया हुआ है और यही अभी तक किसी बड़ी लहर को आने से रोके हुए है।
भारत में बूस्टर डोज़
ओमीक्रान के फैलाव को देखते हुए दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज़ की वकालत की जा रही है। भारत में अभी बूस्टर डोज़ के बारे में कोई नीति नहीं तय की गयी है लेकिन माना जा रहा है कि शायद देश में गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को कोरोना वैक्सीन की अतिरिक्त डोज और बच्चों के टीकाकरण पर विचार किया जा सकता है। टीकाकरण के लिए बने राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने इस बारे में चर्चा की है हालांकि इन मुद्दों पर सदस्यों द्वारा कोई अंतिम सहमति या सिफारिश फिलहाल नहीं दी गई है। चूँकि वैक्सीन की बूस्टर डोज के फायदों को लेकर अब तक कोई पुख्ता वैज्ञानिक साक्ष्य सामने नहीं आए हैं इसीलिए इसपर सोच समझ कर कोई निर्णय लिया जाएगा। अतिरिक्त डोज ऐसे लोगों को दी जा सकती है जो पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। इनमें कैंसर, अंग प्रत्यारोपण और एड्स के मरीज प्रमुख हैं। अतिरिक्त डोज़ और बूस्टर – दोनों अलग अलग चीजें हैं। इनमें वैक्सीन की मात्र और उसका प्रकार भिन्न भिन्न होता है।