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क्यों ब्रेक हो जा रही ऑक्सीजन की सप्लाई चेन, ये है बड़ी वजह

ऑक्सीजन सप्लाई के परिवहन को मजबूत न करने के चलते जब दूसरी लहर आई तो ऑक्सीजन के परिवहन में बाधा उत्पन्न हो गई।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shreya
Published on: 23 April 2021 12:07 PM IST (Updated on: 23 April 2021 12:08 PM IST)
क्यों ब्रेक हो जा रही ऑक्सीजन की सप्लाई चेन, ये है बड़ी वजह
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ऑक्सीजन ट्रक (फोटो- न्यूजट्रैक)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर जब अपने पीक पर पहुंच रही है, उस समय ऑक्सीजन (Oxygen) के अभूतपूर्व संकट ने हमारी स्वास्थ्य सेवाओं को चरमरा दिया है। फेफड़ों में जबर्दस्त संक्रमण के चलते मरीज ऑक्सीजन न मिल पाने से तमाम राज्यों में दम तोड़ दे रहे हैं। ऑक्सीजन के संकट को लेकर किसी एक राज्य या किसी एक शहर में हो रही मौतों को गिनाने का कोई फायदा नहीं। आखिर ये संकट हुआ क्यों।

जानने की बात ये है सामान्य स्थितियों में हमारे देश में मरीजों के लिए जितनी आक्सीजन की मांग थी उससे कहीं अधिक हमारा उत्पादन था। लेकिन कोविड संक्रमण की पहली लहर में आक्सीजन की मांग में इजाफा हुआ, जिसे उपलब्ध संसाधनों से खींचतान कर पूरा कर दिया गया। लेकिन एक चूक हो गई केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई के परिवहन को और मजबूत बनाने पर ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि जब दूसरी लहर बहुत आक्रामक ढंग से आई तो ऑक्सीजन के परिवहन में बाधा उत्पन्न हो गई।

ऑक्सीजन ट्रक (फोटो - न्यूजट्रैक)

क्यों पैदा हुई ये समस्या?

देश के तमाम राज्य और शहर ऐसे हैं जहां ऑक्सीजन प्लांट नहीं हैं, उन्हें दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। जब एक साथ तमाम राज्यों में ऑक्सीजन की समस्या हुई तो सबसे बड़ी बाधा लिक्विड ऑक्सीजन की ढुलाई करने वाले वाहनों की आई। देश के पास लिक्विड ऑक्सीजन की ढुलाई करने वाले पर्याप्त वाहन हैं ही नहीं।

अब ऑक्सीजन का उत्पादन चाहे जितना बढ़ा दिया जाए यदि वह जरूरतमंद लोगों तक पहुंचेगी ही नहीं तो उसका फायदा क्या होगा। इसी लिए टाटा ने 24 क्रायोजेनिक टैंकर आयात करने का फैसला किया है। रिलायंस और एक मोटर कंपनी भी आगे आई है। लेकिन तब तक क्या होगा।

ऑक्सीजन के परिवहन में आ रही असली समस्या

इस संकट के समाधान के लिए रेलवे को भी दिक्कत आ रही है। लखनऊ से केवल तीन टैंकर बोकारो भेजे जा सके हैं। वहां से यहां तक ऑक्सीजन आने में कम से कम 18 घंटे का समय लगेगा। बाकी टैंकर ऊंचाई की समस्या के चलते नहीं भेजे जा सके हैं। इस तरह असली समस्या ऑक्सीजन के परिवहन में आ रही है। तब तक इस समस्या का क्या हल हो इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

Shreya

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