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कोरोना के खिलाफ विश्व एकजुटः महामारी फैलने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते की कवायद शुरू

Corona Updated News : महामारी (corona mahamari) को फैलने से रोकने के लिए सही समय पर एकजुट अंतरराष्ट्रीय प्रयास किये जाएँ और एक ऐसी समान व्यवस्था बने जो सभी देशों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी हो

Neel Mani Lal
Report Neel Mani LalPublished By Ragini Sinha
Published on: 29 Nov 2021 12:11 PM IST
कोरोना के खिलाफ विश्व एकजुटः महामारी फैलने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समझौते की कवायद शुरू
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Corona Virus Update: कोरोना वायरस (Corona new variant omicron ) के ओमीक्रान वेरियंट के संभावित खतरों के मद्देनजर अब एकजुट अंतर्राष्ट्रीय पहल की कवायद शुरू की गयी है। इसका पहल का मकसद है कि भविष्य में किसी भी महामारी (corona mahamari) को फैलने से रोकने के लिए सही समय पर एकजुट अंतरराष्ट्रीय प्रयास किये जाएँ और एक ऐसी समान व्यवस्था बने जो सभी देशों पर कानून बाध्यकारी हो। मकसद ये है कि बीमारी के बारे में कोई जानकारी छिपाई न जा सके जैसा कि चीन ने वुहान से निकले वायरस के बारे में किया। साथ ही ये भी तय करना है कि देशों में स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं पर और ज्यादा खर्च किया जाये, दवाओं-वैक्सीनों आदि का समान वितरण हो आदि। ये मसौदा आज से शुरू हो रही डब्ल्यूएचओ (WHO) की तीन दिवसीय बैठक में विभिन्न देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के सामने पेश किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि मई 2024 तक यह समझौता तैयार हो जाएगा। इस समझौते में डेटा और जीनोम सीक्वेंस (genome sequence ) साझा करने से लेकर वैक्सीन (Vaccine) और दवाओं के समान बंटवारे जैसे प्रावधान हैं। ब्रिटेन के अलावा यूरोपीय संघ (European Union ) और बाकी दुनिया के 70 देशों ने एक ऐसे समझौते की जरूरत पर सहमति जताई थी, जिसमें विभिन्न देशों को कानून बाध्य बनाया जा सके।


निगरानी सिस्टम को सुधरने के लिए घरेलू और इंटरनेशनल फंडिंग बढ़ाने

डब्लूएचओ (WHO) के 75 साल के इतिहास में दूसरी बार हेल्थ इमरजेंसी (health emergency) के लिए कोई कानून बाध्यकारी व्यवस्था बनाये जाने की बात हुई है। इस मसौदे के तहत स्वास्थ्य तथा निगरानी सिस्टम को सुधरने के लिए घरेलू और इंटरनेशनल फंडिंग बढ़ाने, गवर्नेंस में बदलाव लाने, बीमारी के बारे में जानकारी साझा करने और सहायता सामग्री और उपायों के सामान वितरण पर जोर दिया गया है। हालांकि सभी देश, कंपनियां और सिविल सोसाइटी किसी लीगल एप्रोच पर एकमत नहीं हैं। इनका कहना है कि चूँकि सभी देशों की स्थितियां भिन्न होती हैं सो एकसमान व्यवस्था एक सही बात नहीं होगी। पहले बताया गया था कि अमेरिका, ब्राजील और भारत ऐसे बाध्यकारी समझौते को लेकर सहमत नहीं थे। लेकिन अब अमेरिका साथ आ गया है। संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत साइमन मैनली ने एक बयान में कहा है कि महामारी पर अंतरराष्ट्रीय समझौता तैयार करने के लिए एक दल के गठन पर सहमति एक शुरुआत मात्र है लेकिन जिस तरह का सहयोगी और लचीला रवैया दिखाया गया है, उससे अच्छे नतीजों की उम्मीद बढ़ गई है।

कोरोना ने दुनिया में 26 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना

कोरोना वायरस (Corona virus) अब तक दुनिया में 26 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है जिनमें से 54.5 लाख लोगों की जानें गई हैं। दिसंबर 2019 में चीन के वुहान से शुरू हुए इस वायरस के और ज्यादा खतरनाक स्वरूप सामने आ रहे हैं। पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका ने नए वेरिएंट की सूचना डब्ल्यूएचओ (who) को दी थी जो अब कई देशों में फैल चुका है। हालांकि दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरस के लक्षण फिलहाल ज्यादा उग्र नहीं हैं लेकिन सावधानी बरतते हुए कई देशों ने अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं।



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Ragini Sinha

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