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कोरोना संक्रमण से ठीक हो गए हैं तो वैक्सीन के लिए करें इंतजार
वैक्सीन की पहली डोज़ के बाद अगर कोरोना संक्रमण हो गया हो तो पूरी तरह ठीक होने के 2-6 हफ्ते बाद की दूसरी डोज़ लेनी चाहिए।
लखनऊ: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की दूसरी लहर में बहुत से ऐसे लोग भी वायरस की चपेट में आ गए जिन्होंने वैक्सीन (Covid Vaccine) की एक डोज़ लगवा रखी थी। ऐसे में संक्रमण से उबरने के बाद वैक्सीन की दूसरी डोज़ कब लेनी चाहिए, लोगों में इस बात को लेकर संशय है। एक्सपर्ट्स की इस बारे में राय है कि संक्रमण से ठीक होने के बाद कुछ हफ्ते इन्तजार करना चाहिए फिर वैक्सीन की खुराक लेनी चाहिए।
कुछ ऐसे लोग भी कोरोना संक्रमित (Covid-19 Positive) हुए हैं, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा रखी थीं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि वैक्सीन लेने के बाद भी ऐसा क्यों हुआ। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोई भी वैक्सीन ये गारंटी नहीं देती कि आपको वायरस संक्रमण नहीं होगा। वैक्सीन आपको बस गंभीर रूप से बीमार पड़ने और अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आने से बचाती है, लेकिन इसकी भी 100 फीसदी श्योरिटी नहीं है।
फिर भी अच्छी बात ये है कि दोनों डोज़ लेने के बाद किसी के गंभीर रूप से बीमार पड़ने या मौत होने की संभावना बेहद कम है और ऐसे केस बहुत कम हुए हैं। फाइजर की वैक्सीन सबसे ज्यादा सुरक्षा दे रही है लेकिन दोनों डोज़ के बाद कोरोना से मौत नहीं होगी, इसकी संभावना भी 99 फीसदी है। यानी एक फीसदी आशंका तब भी है।
क्या है एक्सपर्ट का कहना?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर (ICMR) में महामारी और संक्रामक रोग डिवीजन के प्रमुख डॉ समीरन पंडा (Dr. Sameeran Panda) का कहना है कि सामान्य तौर पर कोवैक्सीन (COVAXIN) की दोनों डोज़ के बीच 4 से 6 हफ्ते का अंतराल होना चाहिए। कोविशील्ड के मामले में ये गैप 6 से 8 हफ्ते का होना चाहिए।
- अगर किसी को वैक्सीन की पहली डोज़ के बाद कोरोना हो जाता है तो उसे संक्रमण पूरी तरह ठीक होने और सभी लक्षण समाप्त हो जाने के 2 से चार हफ्ते बाद ही वैक्सीन की दूसरी डोज़ लेनी चाहिए।
- अगर किसी को एक भी डोज़ नहीं लगी है और उसे कोरोना हुआ है तो उसे सभी लक्षण पूरी तरह समाप्त होने के एक से तीन महीने बाद वैक्सीन लेनी चाहिए।
- अगर दोनों डोज़ लगने के बाद भी कोरोना संक्रमण हुआ है तो ठीक होने के बाद फिर से वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है। आपको जो वैक्सीन लगी है वो प्रभावी रहेगी।
- वायरस संक्रमण होने के बाद जब मरीज ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में प्राकृतिक इम्यून रेस्पॉन्स होता है जिसे इम्यून मेमोरी (Immune Memory) कहते हैं। कोरोना के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि संक्रमण से शरीर में पैदा हुई एंटीबाडीज आमतौर पर 90 दिन तक रहती हैं। लेकिन ये अवधि संक्रमित हुए व्यक्ति की उम्र और उसकी अन्य बीमारियों आदि पर निर्भर करता है।
तुरंत नहीं बनती है एंटीबॉडी
कर्नाटक सरकार की क्रिटिकल केयर सपोर्ट यूनिट के सदस्य डॉ अनूप अमरनाथ का कहना है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के तुरंत बाद एंटीबॉडी बनना शुरू नहीं हो जाती हैं। इसमें भी दो हफ्ते का समय लगता है। तो वैक्सीन लगवाने के कुछ ही दिनों में संक्रमण पकड़ सकता है। ऐसे में वैक्सीन लेने के बाद पूरी सावधानियां बरतना जरूरी है। बहरहाल, वैक्सीन की एक डोज़ लेने के बाद संक्रमण हुआ और आप ठीक हो गए तो आपके शरीर में एंटीबॉडी का लेवल 10 से 15, यानी काफी ज्यादा हो जाता है। जब लेवल इतना ऊंचा हो तो वैक्सीन नहीं लेना चाहिए।
एक अन्य एक्सपर्ट डॉ अतुल खरबंदा का कहना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद डेढ़ महीने इन्तजार करना चाहिए और उसके बाद ही दूसरी डोज़ के लिए जाना चाहिए, उनका कहना है कि दूसरी डोज़ के बारे में पक्के तौर पर कहना हो तो वह एंटीबॉडी के लेवल से ही बताया जा सकता है और इस बारे में मरीज को अपने डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि वैक्सीन की पहली डोज़ के बाद अगर कोरोना संक्रमण हो गया हो तो पूरी तरह ठीक होने के दो से 6 हफ्ते बाद की दूसरी डोज़ लेनी चाहिए।
वैसे केंद्र सरकार की गाइड लाइन्स में कहा गया है कि जिनमें कोरोना के एक्टिव लक्षण रहे हों या जिनको कोरोना के इलाज में प्लाज़्मा थेरेपी दी गयी हो उन्हें 4 से 8 हफ्ते बाद वैक्सीन लेनी चाहिए।