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Coronavirus: भारत में कोरोना से 50 लाख मौतें! बंटवारे के बाद सबसे बड़ी त्रासदी
Coronavirus: शोध में दावा किया गया है कि जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच भारत में कोविड-19 से करीब 50 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
Coronavirus: भारत बीते करीब डेढ़ साल से कोरोना वायरस महामारी से जंग लड़ रहा है। इस अदृश्य वायरस ने देश को बुरी तरह से प्रभावित किया है। न केवल आर्थिक गतिविधियां मंद हो जाने से अर्थव्यवस्था चरमराई, बल्कि आम जनता को भी कई मोर्चों पर मुश्किलों को सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा बुरा मंजर देश में दूसरी लहर के दौरान देखने को मिला।
भारत में साल 2021 में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की एंट्री होने के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बुरी तरह असर पड़ा और इस दौरान बड़ी तादात में कोरोना संक्रमित मरीजों ने अपनी जान गंवाई। कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दुनियाभर में दूसरे स्थान पर, जबकि कोविड-19 संक्रमित की मौत के मामले में तीसरे स्थान पर है। भारत में जून 2021 तक कोरोना से मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 4 लाख तक बताया गया है।
भारत में कोरोना से हुई 50 लाख मौतें
लेकिन इस बीच एक अमेरिकी शोध में दावा किया गया है कि जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच भारत में कोविड-19 से करीब 50 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है। यह दावा किया है वॉशिंगटन के सेंटर फॉर ग्लोबल डिवेलपमेंट (CGD) ने। अपनी स्टडी में सेंटर ने भारत में कोरोना की वजह से करीब 50 लाख मौतें होने का अनुमान जताया है। अध्ययन में कहा गया है कि यह विभाजन और स्वतंत्रता के बाद से देश की सबसे बड़ी मानव त्रासदी बन गई है।
बंटवारे के बाद सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी
CGD की ओर से मंगलवार को जारी किए गए रिपोर्ट में कहा गया है कि इस रिपोर्ट को सरकारी आंकड़ों, अंतरराष्ट्रीय अनुमानों, सीरोलॉजिकल स्टडीज और घर-घर जाकर हुए सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है। स्टडी में भारत में कोरोना के चलते 34 लाख से 49 लाख लोगों की मौत का अनुमान जताया गया है। अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) बंटवारे के बाद सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है।
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कोरोना की पहली लहर अनुमान के मुकाबले ज्यादा घातक थी। दूसरी लहर की दस्तक के बाद ऑक्सीजन की कमी, बेड की कमी और वैक्सीन की कमी से हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। हालांकि मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक कोरोना की पहली लहर के आंकड़ों को वास्तविक समय में नहीं जुटाया गया है। ऐसे में संभव है कि पहली लहर के दौरान कोरोना से हुई मौतों की संख्या दूसरी लहर जितनी ही भयानक हो।
किसने तैयार की है यह रिपोर्ट
बता दें कि यह रिपोर्ट वॉशिंगटन के सेंटर फॉर ग्लोबल डिवेलपमेंट (CGD) द्वारा तैयार की गई है और लिखा है भारत के पूर्व चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्यम, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अभिषेक आनंद और ग्लोबल डेवलपमेंट सेंटर के जस्टिस सेंडेफर्ड ने।
रिपोर्ट पर WHO की प्रतिक्रिया
वही, CGD की इस रिपोर्ट पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन (Dr Soumya Swaminathan) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हर देश को मौत के वास्तविक आंकड़े दिखाना चाहिए, जिससे भविष्य में होने वाली मौतों को रोकने में मदद मिल सके।
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