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Delta Variant: गिरगिट के तहर बदल रहा डेल्टा वैरिएंट अपना रूप, दुनिया में मिले 13 स्वरूप, भारत में मिले 5

Delta Variant: कोरोना का डेल्टा वैरिएंट गिरगिट के तरह अपने रंग बदल रहा है।

Ashish Lata
Report Ashish LataPublished By Shweta
Published on: 13 Aug 2021 4:23 PM IST
Delta Variant: गिरगिट के तहर बदल रहा डेल्टा वैरिएंट अपना रूप, दुनिया में मिले 13 स्वरूप, भारत में मिले 5
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Delta Variant: कोरोना का डेल्टा वैरिएंट गिरगिट के तरह अपने रंग बदल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अनेक देशों में ज्यादा तेजी से फैलने वाले कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी ने आगाह किया है कि इन नए प्रकारों को उभरने से रोकने के लिए वायरस फैलाव पर काबू पाना जरूरी है।

बात करे इस वैरिएंट की तो दुनिया भर में अब तक डेल्टा वैरिएंट से ही जुड़े 13 नए स्वरूप सामने आ चुके हैं, इनमें से पांच भारत में भी मिले हैं। करीब 100 से अधिक लोगों में इनकी पुष्टि हो चुकी है। हालांकि चिकित्सा विभाग इस ओर अपनी नजर बनाए हुए है और तमाम तरीके की तैयारियां कर रहा है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जहां वर्तमान में इस नए वैरियंट से किसी की मौत नहीं हो रही है, लेकिन भविष्य में गंभीर होने से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में लगभग हर राज्य में डेल्टा के नए वैरिएंट मिल रहे हैं। यह वैरिएंट इतने ताकतवर है कि टीकाकरण पूरा कर चुके या फिर पहले संक्रमित होने के बाद स्वस्थ होने वाले व्यक्ति को दोबारा नुकसान दे सकता है।

48 हजार से ज्यादा सैंपल की हुई सीक्वेसिंग

एनसीडीसी के अनुसार देश में अब तक 58240 सैंपल 28 लैब को प्राप्त हुई हैं जिनमें से 48478 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग पूरी हो चुकी है। इनमें 86 सैंपल में डेल्टा प्लस और उससे जुड़े अन्य तीन वैरिएंट मिले हैं। यह लगभग सभी राज्यों में मिले हैं. महाराष्ट्र में सर्वाधिक 36 और तमिलनाडु में 10 सैंपल में उनकी मौजूदगी है। अब तक विदेशी यात्रा से वापस आए यात्रियों के 5178 सैंपल में 839 वैरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 43,300 सैंपल की सीक्वेसिंग में 28,093 गंभीर वैरिएंट से ग्रस्त मिले हैं।

कई देशों में आक्रामक दिख रहा डेल्टा

भारत में अभी तक डेल्टा के अलावा डेल्टा प्लस, एवाई 2.0, एवाई 3.0 व एवाई 5 तक मिल चुका है। डेल्टा के बाद अब जितने भी स्वरूप सामने आ रहे हैं, उन सभी को डेल्टा प्लस की श्रेणी में ही रखा जा रहा है। अमेरिका सहित कई देशों में यह काफी खतरनाक दिख रहा है, लेकिन भारत में अभी तक ऐसा नहीं है।



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