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Coronavirus: नवजात शिशुओं पर ऐसे प्रभाव डाल रहा कोरोना, जानें उन्हें इससे बचाए रखने का राज़!

एम्स नई दिल्ली के डॉ अंजन त्रिखा ने आकाशवाणी को एक साक्षात्कार में बताया है कि नवजात शिशुओं में कोरोना वायरस होने के चांस कम होते हैं लेकिन ऐसा भी नहीं है

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Newstrack NetworkPublished By Divyanshu Rao
Published on: 19 Feb 2022 5:30 PM GMT
Corona Virus
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नवजात शिशु की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Corona Virus: दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। कोरोना वायरस के फैलते नए वेरिएंट्स ने समय समय पर अपना पैर पसारना बंद नहीं किया है। वैक्सीन आने के बावजूद भारत सरकार समय समय पर दिशा निर्देशों के पालन को लेकर ऐडवाइज़री जारी कर रही है। कोरोना वायरस की वैक्सीन लेने को लेकर फैले डर और भ्रम को सरकार खत्म करने के लिए कई कदम उठा रही है। ऐसे में ये ज़रूरी है कि इससे जुड़ी मेडिकेशन पर फैली अफवाहों से बचें और सही उम्र k लोगों को उनके अनुसार दी जाने वाली दवाईयां अपनाएं।

नवजात शिशुओं को कोरोना वायरस होने का कितना चांस होता है?

एम्स नई दिल्ली के डॉ अंजन त्रिखा ने आकाशवाणी को एक साक्षात्कार में बताया है कि नवजात शिशुओं में कोरोना वायरस होने के चांस कम होते हैं लेकिन ऐसा भी नहीं है कि उनको कोरोना वायरस नही हो सकता। पूरी दुनिया में नवजात शिशु देखे गए हैं जिनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया है लेकिन अच्छी बात ये है कि यदि नवजात शिशु को कोविड हो भी जाता है तो वे इस बीमारी से लड़ सकते हैं और ज्यादातर ठीक भी हो जाते हैं।

वैक्सीन के बाद कोरोना होने पर इसकी प्रभावशिलता पर पड़ता है असर?

एम्स (नई दिल्ली) के डॉ पीयूष रंजन ने ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) से बातचीत में 'वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद अगर इंफेक्शन बोता है तो क्या वायरस का प्रभाव कम होता है?' सवाल पर चर्चा की थी।

उन्होंने बताया, "कोरोना दो प्रकार से होता है एक तो वायरस से केवल संक्रमण होना और दूसरा वायरस से बीमारी का होना। अगर वायरस शरीर के अंदर सिर्फ प्रवेश किया है और कोई लक्षण नहीं है या बहुत माइल्ड लक्षण हैं तो सिर्फ इंफेक्टेड हैं। अगर संक्रमण होने के बाद लक्षण बढ़ रहे हैं यानि बीमारी बढ़ जाए तो वो बीमारी होता है।

नवजात शिशु की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

अब वैक्सीन सिर्फ बीमारी को कम करती है। जो व्यक्ति वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा चुका है तो बीमारी की संभावना 20 गुना कम हो जाती है। इस तरह बीमारी से वैक्सीन बचाएगी और कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (covid appropriate behavoiour) का पालन कर संक्रमण होने को भी रोक सकते हैं।"

वैक्सीन लेने से पहले लें पैरासिटामोल?

इससे पहले आकाशवाणी समाचार पर लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के कोरोना विशेषज्ञ डॉ अनुपम प्रकाश ने कोरोना वैक्सीन लेने और पैरासिटामोल के इस्तेमाल को लेकर कई जानकारियां दी थीं। उन्होंने बताया था, "वैक्सीन में बुखार और दर्द होता है ये सही है, लेकिन सभी को ऐसा नहीं होता है। इसलिए उन्हें ही दवा लेने के लिए कहा जाता है जिन्हें बुखार हो।

जिन्हें कोई समस्या नहीं है उन्हें दवाई नहीं लेनी है। हालांकि अगर आज के समय में देखें तो कई लोगों को ज़रूरत नहीं होती है फिर भी वैक्सीन लगवाने के बाद पैरासिटामोल ले लेते हैं। इसलिए इसे पहले से बिल्कुल भी न लें।"

खुद करें जांच, तब करें विश्वास

आज के दौर में जहां जानकारियां जल्दी से जल्दी पहुंचने की ज़रूरत है वहीं इस बात पर भी ज़ोर देना होगा की गलत जानकारी ना साझा की जाए। सोशल मीडिया पर आए दिन कई ऐसी खबरें वायरल होती रहती हैं जिसमें कोरोना वायरस और इसकी वैक्सीन को लेकर अलग अलग दावे किए जाते हैं। हमें उनकी प्रामाणिकता की जांच कर ही उनपर विश्वास करना होगा। वैक्सीन से जुड़ी जानकारियों पर खासकर विश्वास करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर लें।

Divyanshu Rao

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