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वैक्सीन के लिए विदेशी कंपनियों को मिली छूट, अब ट्रायल और जांच की जरूरत नहीं
Coronavirus: DCGI ने विदेशी कंपनियों के लिए भारत में वैक्सीन लॉन्च से पहले क्लिनिकल ट्रायल की बाध्यता को खत्म कर दिया है।
Corona Vaccine: दुनिया में वैक्सीनों का सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के बावजूद भारत में कोरोना वैक्सीन (Corona Virus Vaccine) की भरी कमी है जिसके चलते वैक्सीनेशन अभियान (Covid-19 Vaccination Campaign) रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। सरकार का लक्ष्य इस साल दिसंबर तक सबको वैक्सीन (Vaccine) लगाने का है जिसके लिए बड़ी संख्या में वैक्सीनों की सप्लाई (Vaccine ) चाहिए।
वैक्सीन की कमी (Vaccine Shortage) से निपटने के लिए भारत में अब विदेशी कंपनियों (Foreign Companies) की एंट्री आसान कर दी गयी है। फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) जैसी कंपनियों की वैक्सीनें हासिल करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) द्वारा नियमों में एक बाद एक छूट दी जा रही है।
क्लिनिकल ट्रायल की बाध्यता को किया गया समाप्त
ताजा छूट में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने विदेशी कंपनियों के लिए भारत में वैक्सीन लॉन्च से पहले क्लिनिकल ट्रायल की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा अगर किसी कंपनी की वैक्सीन को किन्हीं देशों में मंजूरी मिली हुई है तो उसे भारत में वैक्सीन की क्वालिटी की जांच भी नहीं करवानी होगी। ड्रग कंट्रोलर ने कहा है कि ताजा फैसला नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 की सिफारिशों पर लिया गया है। मुमकिन है कि जल्द ही विदेशी कंपनियों को किसी भी मुकदमेबाजी से सुरक्षा की गारंटी भी दे दी जाये।
जानें किन्हें मिलेगी 'ब्रिजिंग ट्रायल' से छूट
भारत के ड्रग कंट्रोलर, डॉ वीजी सोमानी की तरफ से आदेश में कहा गया है कि जिन वैक्सीनों को अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन, जापान आदि देशों में नियामकीय मंजूरी मिल चुकी है उनको भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए 'ब्रिजिंग ट्रायल' से छूट दी जा सकती है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से हरी झंडी पा चुकी वैक्सीनें भी बिना ब्रिजिंग ट्रायल के भारत में लॉन्च की जा सकती हैं। अभी तक नियम ये था कि किसी भी विदेशी कंपनी को भारत में अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन लॉन्च करने से पहले ब्रिजिंग ट्रायल करना होता था जिसमें कुछ स्थानीय वॉलेंटियरों पर वैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा को परखा जाता है।
लैब में जांच करवाना भी जरूरी नहीं
इसके अलावा कंपनियों को अब अपनी वैक्सीन के हर बैच की कसौली स्थित सेंट्रल ड्रग्स लैब में जांच करवाना भी जरूरी नहीं होगा। जिन देशों से वैक्सीन आ रही है अगर उसे वहां की नेशनल कंट्रोल लैब से सर्टिफिकेट मिला हुआ है तो भारत में ऐसी जांच नहीं होगी। ड्रग कंट्रोलर ने कहा है कि बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन शुरू करने से पहले शुरुआती 100 लाभार्थियों पर सात दिनों तक सेफ्टी आउटकम असेसमेंट की अनिवार्यता भी लागू रहेगी।
इससे पहले अप्रैल में ड्रग कंट्रोलर ने विदेशी कंपनियों के लिए भारत में वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पाने के लिए जरूरी दूसरे व तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की बाध्यता को समाप्त कर दिया था।
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