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Coronavirus: देश में दो तिहाई लोग कोरोना से सुरक्षित! सीरो सर्वे में सामने आए ये नतीजे

Coronavirus: हाल ही में सर्वे के नतीजे (Survey Ka Result) जारी किये गए जिनके अनुसार, भारत में 6 साल की उम्र से ज्यादा के दो तिहाई लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडी पाई गयी है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shreya
Published on: 29 July 2021 6:14 PM IST
Coronavirus: देश में दो तिहाई लोग कोरोना से सुरक्षित! सीरो सर्वे में सामने आए ये नतीजे
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(कॉन्सेप्ट फोटो- न्यूजट्रैक)

Coronavirus: जबसे कोरोना वायरस फैला है तबसे भारत समेत तमाम देशों में नियमित रूप से सीरो सर्वे (Sero Survey) कराये जा रहे हैं। इन सर्वे का उद्देश्य ये पता लगाना होता है कि कितने लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडी (Antibodies) हैं यानी कितने लोगों को संक्रमण हो चुका है। भारत में आईसीएमआर (ICMR) द्वारा अब तक चार देशव्यापी सीरो सर्वे (ICMR Sero Survey) कराये जा चुके हैं।

सीरो सर्वे के आधार पर हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) के दावे किये जाते हैं। कहा जा रहा है कि चूँकि बड़ी संख्या में लोगों में एंटीबॉडी पाई गयी है सो ये हर्ड इम्यूनिटी का संकेत है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि एंटीबॉडी की मौजूदगी इस बात की गारंटी नहीं है कि नए संक्रमण नहीं होंगे। इसलिए सर्वे के रिजल्ट चाहे जो हो, अत्यधिक सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

ताजा सर्वे

ताजा सर्वे के नतीजे (Survey Ka Result) हाल में जारी किये गए थे जिनके अनुसार, भारत में 6 साल की उम्र से ज्यादा के दो तिहाई लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडी पाई गयी है। यानी देश की एक तिहाई आबादी को अब भी कोरोना का खतरा है।

कॉन्सेप्ट फोटो- न्यूजट्रैक

इस साल जून और जुलाई के बीच 21 राज्यों के 70 जिलों में 28 हज़ार 975 लोगों पर ये सर्वे किया गया था। ये सब वही जिले थे जहाँ पिछले तीन सीरो सर्वे किये गए हैं। सर्वे में पहली बार 6 से 17 वर्ष के बच्चे भी शामिल किये गए। इनके अलावा 7252 स्वास्थ्य कर्मियों की भी टेस्टिंग की गयी थी। सर्वे के अनुसार इस साल जून-जुलाई में 67.6 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गयी है।

सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश में करीब सात करोड़ आबादी में से 79 प्रतिशत, बिहार में 75 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश की 71 प्रतिशत आबादी में कोरोना एंटीबॉडी मिली है। राजस्थान में 76.2 प्रतिशत, गुजरात में 75.3 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 74.6 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 70.2, महाराष्ट्र में 58 प्रतिशत और असम में 50.3 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी पाई गई है। केरल में सबसे कम 44.4 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी पाई गई है। हालांकि, इस समय भारत में सामने आ रहे कोरोना के कुल मामलों में अकेले केरल से ही आधे मामले आ रहे हैं।

सीरो सर्वे से क्या पता चलता है?

सीरो सर्वे या फिर सीरो सर्विलांस में यह जांच की जाती है कि कितनी आबादी में किसी संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी है। दरअसल, जब भी हमारे शरीर पर कोई वायरस हमला करता है तो हमारा शरीर उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। ये एंटीबॉडी विशेष प्रकार का प्रोटीन होती हैं और वायरस या बैक्टीरिया और किसी भी संक्रमण से शरीर को बचाती हैं। कई बार लोगों को कोरोना का संक्रमण होता है लेकिन उनके शरीर में इसके लक्षण नहीं दिखाई देते।

मतलब वह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित तो हुआ लेकिन वह बीमार नहीं पड़ा। अब जितने ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी होगी, उतना ही संक्रमण का खतरा कम होगा क्योंकि संक्रमण की चेन नहीं बन पाएगी। इस तर्क का आधार ये है कि कोरोना से संक्रमण होने के बाद चुनी एंटीबॉडी बन गयी है तो दोबारा संक्रमण होने का अंदेशा नहीं के बराबर है।

टेस्टिंग (सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कैसे होता है सीरो सर्वे (Kaise Hota Hai Sero Survey)

यह एक सेरोलॉजी टेस्ट होता है, जिसमें किसी भी व्यक्ति के खून का सैंपल लेकर उससे सेल्स और सीरम को अलग किया जाता है। एंटीबॉडी सीरम में ही पाई जाती है सो सीरम में कोरोना वायरस के खिलाफ बनी एंटीबॉडी की जांच की जाती है। एंटीबॉडीज भी दो तरह की होती हैं – आईजीएम और आईजीजी। आईजीजी एंटीबॉडी 4 से 6 महीने तक शरीर में रहती है और एक तरह से वायरस के खिलाफ मेमोरी सेल्स का काम भी करती है। टेस्ट के जरिए एंटीबॉडीज की मौजूदगी का पता लगाया जाता है और देखा जाता है कि क्या व्यक्ति के इम्यून सिस्टम ने इंफेक्शन का जवाब दिया है। सीरो टेस्ट निजी तौर पर कोई भी व्यक्ति करवा सकता है।

एक्सपर्ट्स की चेतावनी

एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि ज्यादा लोगों में एंटीबॉडी की मौजूदगी को हर्ड इम्यूनिटी नहीं मानना चाहिए। मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ब्रह्मर मुखर्जी ब्राजील का उदहारण देते हुए कहते हैं कि वहां में मनौस शहर में पिछले साल 76 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी होने की बात कही गयी थी लेकिन कोरोना की दूसरी लहर से यही शहर बुरी तरह प्रभावित हुआ था। उन्होंने कहा कि सीरो सर्वे के नतीजों से निश्चिंत नहीं हो जाना चाहिए क्योंकि वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है।

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