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Coronavirus: चेतावनी दस लाख के ऊपर केस गए तो ठप हो सकती हैं, स्वास्थ्य सेवाएं, अपना इलाज खुद न करें

गौरतलब है कि दूसरी लहर के समय आए डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट को बहुत हल्के में लिया जा रहा है, लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन शारीरिक दूरी मॉस्क सेनिटाइजेशन के रूप में नहीं कर रहे हैं।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Divyanshu Rao
Published on: 14 Jan 2022 8:09 PM IST
Corona Virus
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कोरोना वायरस की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Coronavirus: कोविड के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली के बीएलके अस्पताल के श्वसन रोग विभाग के एचओडी डॉ संदीप नायर ने एक बडी बात कही है कि अगर प्रतिदिन 10 लाख केस आए तो डॉक्टर संक्रमित हो जाएंगे, जिससे हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर जबर्दस्त दबाव में आ जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा है कि मुझे आशा है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी, कोविड और ओमिक्रॉन वैरिएंट के को फैलने से रोकने के लिए हम सब को कोविड प्रोटोकाल का सावधानी पूर्वक पालन करना चाहिए।

गौरतलब है कि दूसरी लहर के समय आए डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट को बहुत हल्के में लिया जा रहा है, लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन शारीरिक दूरी मॉस्क सेनिटाइजेशन के रूप में नहीं कर रहे हैं। या कहें बेखौफ होकर घूम रहे हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक अत्यधिक संक्रामक संस्करण है, और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यह भारत के डेल्टा संस्करण द्वारा संचालित दूसरी लहर के दौरान अप्रैल-मई 2021 के बाद मामलों में एक दिन में उच्चतम वृद्धि लाया है। विशेषज्ञ चिंता व्यक्त करते हुए कहते हैं कि ढिलाई दिखाई दे रही है क्योंकि ओमिक्रॉन से दोगुने से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिसका पहली बार दक्षिण अफ्रीका में नवंबर 2021 में पता चला था।

कोरोना वायरस की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

जबकि कोविड-उपयुक्त व्यवहार और टीकाकरण अभी भी महत्वपूर्ण है, डॉक्टर स्वयं-दवा से बचने और संख्या में योगदान को कम करने के लिए सेल्फ आइसोलेशन और होम कोरंटाइन के प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह देते हैं।

अपोलो अस्पताल के डा. संजीव डांग कहते हैं कि कोरोनावायरस का फेफड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, और इससे सांस लेने में कठिनाई होती है। लेकिन, तीसरी लहर में, सर्दी, बुखार, गले में खराश, सिरदर्द और उल्टी जैसे रुटीन लक्षण दिखने वाले अधिकांश रोगी भी कोविड जांच मे पाजिटिव आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड के डर के कारण अधिकांश लोग खुद का परीक्षण नहीं करवाते हैं और इसके बजाय घरेलू उपचार या स्व-दवा का विकल्प चुनते हैं। उनहोंने कहा कि डॉक्टर की जानकारी के बिना कोई भी दवा लेना जोखिम भरा हो सकता है और जटिलताओं को आमंत्रित कर सकता है। डाक्टर ने कहा कि आपका श्वसन तंत्र बहुत नाजुक है। गले के संक्रमण के गंभीर परिणाम हो सकते हैं यदि वे फेफड़ों में फैल जाते हैं। इसलिए, कोविड की तीसरी लहर के दौरान श्वसन प्रणाली का विशेष ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। हालांकि, सर्दी, खांसी और गले में दर्द या सिरदर्द के सभी मामले कोविड से संबंधित नहीं हैं, उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियां भी बढ़ रही हैं।



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Divyanshu Rao

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