Coronavirus: केरल में कोरोना - महामारी का सबसे बड़ा रहस्य

Coronavirus: केरल में कोरोना वायरस संक्रमण थमने की बजाए बढ़ता ही चला जा रहा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Shweta
Published on: 3 Sep 2021 3:18 PM GMT
कॉन्सेप्ट फोटो
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कॉन्सेप्ट फोटो (फोटो सौजन्य से सोशल मीडिया)

Coronavirus: केरल में कोरोना वायरस संक्रमण थमने की बजाए बढ़ता ही चला जा रहा है। 70 फीसदी वैक्सीनेशन के बावजूद देश की कुल जनसंख्या के मात्र 3 फीसदी हिस्से वाले इस राज्य में कोरोना का विस्फोट क्यों है, इसका कोई निश्चित जवाब नहीं मिल पा रहा है।कोरोना की भयानक दूसरी लहर के बाद कई हफ़्तों से देश में कोरोना संक्रमण के मामले घटते चले जा रहे हैं। लेकिन केरल ऐसा राज्य हैं जहां हालात कंट्रोल में ही नहीं आ रहे।

70 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन फिर भी बढ़ रहा संक्रमण

देश में अब रोजाना जितने केस मिल रहे हैं उनमें से दो तिहाई से ज्यादा केरल के होते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अक्टूबर में तो संक्रमण का ग्राफ और तेजी से ऊपर चढ़ेगा। केरल में आखिर ऐसा क्या है कि वहां संक्रमण बेलगाम है, एक्सपर्ट्स इसका जवाब ढूंढ नहीं पा रहे हैं। अगर वैक्सीनेशन की कमी की बात कही जाये तो ऐसा भी नहीं है। केरल की हेल्थ मिनिस्टर वीणा जॉर्ज ने कहा है कि राज्य के 70 फीसदी से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।

25 फीसदी लोगों को दोनों डोज़ लगा दी गयी है। कुछ लोगों का कहना है कि अन्य राज्यों की तुलना में केरल ईमानदारी से काम कर रहा है। ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग हो रही है । सभी आंकड़े सही सही रिपोर्ट किये जा रहे हैं जिसकी वजह से संक्रमण की संख्या ज्यादा नजर आती है। प्रख्यात वाईरोलोजिस्ट डॉ गगनदीप कांग का कहना है कि केरल में प्रति दो संक्रमणों में से एक पकड़ में आ जा रहा है जबकि अन्य राज्यों में 30 संक्रमणों में से एक ही पकड़ में आता है।

सघन आबादी और उम्रदराज लोग ज्यादा

केरल में संक्रमण की स्थिति की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि ये राज्य सघन जनसंख्या वाला है। यहां उम्रदराज लोगों की अच्छी खासी तादाद है। सो ऐसी आबादी में संक्रमण आसानी से फैलता जा रहा है। एक अन्य कारण यह बताया जा रहा है कि चूंकि कोरोना की पहली लहर में केरल ने बेहतरीन ढंग से काम किया था। संक्रमण पर काबू पा लिया था जिसकी वजह से बड़ी आबादी संक्रमण से बच गयी थी। अब चूँकि काफी ज्यादा लोगों में संक्रमण नहीं हुआ है सो उनके अब संक्रमित होने की काफी गुंजाइश है।

क्वारंटाइन प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते ज्यादातर लोग

केरल की स्थिति की पड़ताल करने के लिए केंद्र सरकार ने एक टीम भेजी थी। इस टीम ने एक कारण खोज निकाला है कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोग घर में क्वारंटाइन प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं बल्कि परिवार के बीच या भीड़-भाड़ में घूमते रहते हैं। इससे दूसरों में संक्रमण फैलता रहता है। केन्द्रीय टीम ने पाया है कि नए संक्रमणों में से 35 फीसदी घर से हुए हैं। ये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने की वजह से हो रहा है।

बताया जाता है त्योहारों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जम कर धज्जियाँ उड़ाईं गईं। कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोग परिवारों के साथ उत्सव मनाते रहे और इसी तरह संक्रमण फैलता गया। बहरहाल, अच्छी बात यह है कि बड़ी संख्या में संक्रमण के केस आने के बावजूद केरल के अस्पतालों में कोई मारामारी नहीं है। आईसीयू में बेड या ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। राज्य में कोरोना से मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत 1.25 फीसदी की तुलना में मात्र 0.5 फीसदी है।

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