×

कोरोना वायरसः एसी या बंद कमरे घातक, खुली हवा में खतरा कम

सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने देते हुए कहा है कि शोध में यह स्पष्ट हुआ है कि विदेशों में ठंड के कारण लोग ज्यादातर घरों के भीतर रहते हैं। विदेशों में बंद घर होते हैं।

Shivani
Published on: 31 March 2021 12:24 PM GMT
कोरोना वायरसः एसी या बंद कमरे घातक, खुली हवा में खतरा कम
X

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली- वैज्ञानिक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि कोरोना वायरस पर मौसम का असर भले ही न पड़े लेकिन हवा पर पड़ता है। यह वायरस खुली हवा में ज्यादा देर जिंदा नहीं रह पाता है। इसीलिए भारत जैसे देशों में जहां लोग खुली हवा में ज्यादा देर तक रहते हैं। इसका असर तुलनात्मक रूप से कम होता है। यही वजह है कि अब कोरोना से बचाव के प्रोटोकाल में इस बिन्दु को शामिल कर लिया गया है और लोगों को खुली हवा में रहने की सलाह दी जा रही है।

कोरोना के डबल म्यूटेंट वेरिएंट का नाम है ई-484 क्यू

यह जानकारी सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने देते हुए कहा है कि शोध में यह स्पष्ट हुआ है कि विदेशों में ठंड के कारण लोग ज्यादातर घरों के भीतर रहते हैं। विदेशों में बंद घर होते हैं। उनमें रोशनदान भी नहीं होते। हवा की आवाजाही भी कम होती है ऐसे में कोरोना का वायरस ज्यादा समय तक जिंदा रह जाता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के डबल म्यूटेंट वेरिएंट का नाम है ई-484 क्यू, एल-452 आर। यह स्पाइक प्रोटीन का ही एक रूप है।
डॉ. मांडे ने कहा यह सही है कि यह स्ट्रेन ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और जापान में पाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस कैलिफोर्निया वैरिएंट की इन दिनों चर्चा हो रही है वह भी यही है।

टीकाकरण डबल म्यूटेशन वाले वायरस से सुरक्षा देगा

महानिदेशक ने कहा ऐसे में एक सवाल उठ सकता है कि इन दिनों जो टीकाकरण चल रहा है वह डबल म्यूटेशन वाले वायरस से सुरक्षा देगा। उन्होंने कहा कि अभी तक के शोध में ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि यह सुरक्षा प्रदान नहीं करेगा।
डॉ. मांडे के मत में कोरोना वायरस के नये वैरिएंट से अभी हमें डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि ज्यादा से ज्यादा सचेत और सावधान रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर उत्तर प्रदेश परिवहन और मेट्रो के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। जिसमें यह जांचने की कोशिश की जा रही है कि क्या एसी या बंद कमरों में यूवी लाइट या फिल्टर लगाकर कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। अगर यह प्रयोग सफल हो गया तो आने वाले समय में हम कोरोना को मात देने के बहुत करीब पहुंच जाएंगे। और इसके बाद सामान्य जीवन की ओर लौट सकेंगे लेकिन इसके पहले सतर्कता और बचाव बहुत जरूरी है।
Shivani

Shivani

Next Story