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भारत में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू, लेकिन Lancet ने दी ये अच्छी खबर
देश में कोरोना महामारी (Coronavirus) की दूसरी लकर पहले से भी ज्यादा खतरनाक है। इस नए मामले में संक्रमण बढ़ने की दर काफी अधिक है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी (Coronavirus) की दूसरी लकर पहले से भी ज्यादा खतरनाक है। इस नए मामले में संक्रमण बढ़ने की दर काफी अधिक है। इस बार का कोरोना संक्रमण बुजुर्गो से ज्यादा युवाओं में तेज़ी से फैल रहा है। ऐसे कई मरीज सामने आए हैं जिन्हें बुखार, सर्दी, जुकाम नहीं था, लेकिन फिर भी वो कोरोना की चपेट में आए।
लैंसेट कोविड-19 कमीशन इंडिया टास्क फोर्स की एक रिपोर्ट की माने तो फरवरी से अप्रैल तक प्रतिदिन 10,000 से 80,000 नए मामलों की वृद्धि 40 दिनों से भी कम समय में हुई। पिछले साल सितंबर में ऐसा होने में 83 दिन लगे थे। वही कई ऐसे पॉजिटिव केस आए जिनमे हल्के लक्षण दिखे, जिसके परिणामस्वरूप अस्पताल में भर्ती होने और मृत्युदर की अपेक्षाकृत कम दरें होती हैं।
खबरों की माने तो ये पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि स्पशरेन्मुख मामलों का उच्च अनुपात पूरी तरह से बेहतर संपर्क ट्रेसिंग के कारण हैं। मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से कुल मामला मौत के अनुपात (death rate) लगभग 1.3 प्रतिशत बताया गया, जबकि 2021 की शुरुआत से सीएफआर 0.87 प्रतिशत से काफी कम है। देश में कोरोना संक्रमण से हर दिन 664 लोगों की मौत हो रही है। मरने वालों की संख्या और संक्रमण रेट में अंतर है लेकिन आगे और संक्रमण बढ़ने की संभावना है।
युवा ज्यादा संक्रमित
ये नई लेहर युवाओं को संक्रमित कर रहा है। इस मामले को लेकर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का शोध जारी है। दुनियाभर की कोरोना स्टडी में जिनोम सिक्वेंसिंग समेत कई जांचों का अहम योगदान है। इस बीच युवाओं पर बढ़े खतरे को लेकर जेनेस्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक सेंटर की फाउंडर डॉयरेक्टर डॉ गौरी अग्रवाल ने कहा, बुजुर्गों की तुलना में युवा ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं। इस बार सेकेंड वेव के लक्षण अलग हैं।
कम हई मरीजों में बुखार की शिकायत
डॉक्टर गौरी का कहना है कि कोरोना म्यूटेशन ज्यादा रहस्यमयी है। कई मामलों में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट भी कोरोना वायरस को नहीं पकड़ पाई और जरूरत पड़ने पर सीटी स्कैन से कोरोना होने का खुलासा हुआ। यानी इस बार सभी मरीज को बुखार होने की शिकायत नहीं है।