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Omicron In India: जानें तो लेगा ओमिक्रॉन लेकिन दूसरी लहर से काफी कम

Omicron In India: मिशिगन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी ने कहा है कि भारत में ओमिक्रॉन के बहुत ज्यादा मामले आने वाले हैं और एक अनुमान है कि दूसरी लहर के मुकाबले 30 से 50 प्रतिशत जानें जा सकती हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Deepak Kumar
Published on: 7 Jan 2022 8:13 PM IST
Beware of Omicron: The danger of Omicron is increasing rapidly, know what is the situation in your state
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राज्यों में ओमिक्रोन संक्रमण की स्थिति: photo - social media

Omicron In India: भारत कोरोना (corona in india) के एक नए तूफान से घिर चुका है और ये तूफान जानें भी ले सकता है। लेकिन उम्मीद यही है कि ये तूफान डेल्टा (Delta Variant in India) की लहर जैसा भयानक नहीं होगा।

दूसरी लहर से 30 से 50 प्रतिशत जानें जाने की आशंका

मिशिगन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी (University of Michigan professor Bhramar Mukherjee) ने कहा है कि भारत में ओमिक्रॉन (Omicron In India) के बहुत ज्यादा मामले आने वाले हैं और एक अनुमान है कि दूसरी लहर के मुकाबले 30 से 50 प्रतिशत जानें जा सकती हैं। प्रोफेसर मुखर्जी (University of Michigan professor Bhramar Mukherjee) ने कहा है कि यह माना जा रहा है कि कम से कम एक टीका या पहले संक्रमित हो चुके लोगों में से 50 प्रतिशत लोग ओमिक्रॉन द्वारा फिर से संक्रमित हो सकते हैं। अगर दक्षिण अफ्रीका से गंभीरता के अनुमानों का उपयोग करते हैं, तो दूसरी लहर से 30 से 50 प्रतिशत जानें जाने की आशंका है।

भारत का एक फायदा यह है कि बहुत से लोगों को दो टीके लग चुके हैं और बड़ी संख्या में लोगों को पुराना संक्रमण हो चुका है। ऐसे लोग करीब 40 फीसदी हैं। इसका तात्पर्य यह है कि बूस्टर के बिना भी, यह समूह कोरोना रोग के पुनः इंफेक्शन के मामले में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। ऐसे लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आएगी। लेकिन ये उम्मीदें कई मान्यताओं पर आधारित हैं, जो भारत में टिक भी सकती हैं और नहीं भी।

भारत के लिए बीमारी की गंभीरता और मृत्यु दर का अनुमान लगाना मुश्किल

प्रोफेसर मुखर्जी (University of Michigan professor Bhramar Mukherjee) का कहना है कि भारत के लिए बीमारी की गंभीरता और मृत्यु दर का अनुमान लगाना मुश्किल है, क्योंकि हमारे पास अस्पताल में भर्ती होने के सटीक आंकड़े या यहां तक कि मृत्यु दर के आंकड़े भी नहीं हैं। अतिरिक्त मृत्यु दर के लिए कोरोना के वेरियंट (corona variant) के अलावा स्वास्थ्य देखभाल और आवश्यक सेवाओं का ध्वस्त हो जाना भी एक बड़ा कारक होता है।

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Deepak Kumar

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