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Coronavirus Omicron Alert: पूरी दुनिया के लिए ओमिक्रॉन बड़ा खतरा, WHO ने जारी की चेतावनी

नए वैरियंट ओमिक्रॉन से पूरी दुनिया में बड़ा खतरा मंडरा रहा है। ऐसे हालातों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा अभी भी बहुत ज्यादा है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 29 Dec 2021 12:19 PM IST
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ओमिक्रॉन से दुनिया को खतरा (फोटो-सोशल मीडिया)

Coronavirus Omicron Alert: कोरोना वायरस के एक बार फिर से तेजी से बढ़ते मामलों और नए वैरियंट ओमिक्रॉन से पूरी दुनिया में बड़ा खतरा मंडरा रहा है। ऐसे हालातों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा अभी भी बहुत ज्यादा है। तेजी से बढ़ते मामलों के बीच डब्ल्यूएचओ (WHO) की ये प्रतिक्रिया बीते हफ्ते वैश्विक स्तर पर कोरोना के 11 फीसदी मामले बढ़ने के बाद आई है।

बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए साप्ताहिक एपिडेमायोलॉजिकल अपडेट में डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा, 'कई देशों में वायरस के तेजी से फैलने के पीछे नया वैरियंट ओमिक्रॉन वैरिएंट है। ये उन देशों में भी आगे निकल चुका है जहां पहले डेल्टा वैरिएंट हावी था।' इस पर यूएन हेल्थ एजेंसी ने कहा कि नए 'वैरिएंट ऑफ कन्सर्न' ओमिक्रन का ओवरऑल रिस्क बहुत ज्यादा है।

अब ओमिक्रॉन ज्यादा प्रभावशाली वैरिएंट


आगे डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा, 'लगातार तेजी से सामने आ रहे आंकड़े बताते हैं कि डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा में नया वैरियंट ओमिक्रॉन ज्यादा तेजी से विकसित हुआ है। ये वैरियंट ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में भी वायरस बड़ी तेजी से फैल रहा है। इन देशों में अब ओमिक्रॉन ज्यादा प्रभावशाली वैरिएंट बन गया है। बेहतर इम्यूनिटी से बच निकलने की क्षमता और ज्यादा संक्रामक होने का कॉम्बिनेशन ओमिक्रॉन की तेजी का कारण हो सकता है।'

दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के बारे में WHO ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के मामले 29 प्रतिशत कम हुए हैं। दक्षिण अफ्रीका पहला ऐसा देश था जिसने 24 नवंबर को पहली बार WHO को ओमिक्रॉन वैरिएंट की जानकारी दी थी। ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और डेनमार्क से जुटाए गए शुरुआती डेटा से पता चला है कि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन इंफेक्शन से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम है।

ओमिक्रॉन को काबू करने को लेकर WHO ने कहा, 'ऐसी उम्मीद है कि कोर्टिकोस्टेरॉयड और इंटरल्यूकिन 6 रिसेप्टर ब्लॉकर्स गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे मरीजों के इलाज में असरदार होगी। लेकिन शुरुआती डाटा के अनुसार, मोनोक्लोनर एंटीबॉडीज शरीर में ओमिक्रॉन वैरिएंट को बेअसर करने में कम फायदेमंद हो सकती है।'

वहीं WHO ने ये भी बताया कि अक्टूबर से मामले बढ़ने के बाद बीते हफ्ते की तुलना में वैश्विक स्तर पर नए मामलों में 11 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि सामने आए आकड़ों में मौत के मामलों में 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन इस बीच सबसे ज्यादा मामले अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और इटली से सामने आ रहे हैं।




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Vidushi Mishra

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