जानें कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी को बंद करने के पीछे क्या है वजह

कोरोना के इलाज में कारगर माने जा प्लाजमा थेरेपी के उपयोग को क्लीनिकल मैनेजमेंट के दिशा—निर्देश से हटा दिया गया है।

Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 18 May 2021 9:44 AM GMT (Updated on: 18 May 2021 9:59 AM GMT)
plasma therapy
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फोटो— प्लाजा थेरेपी (साभार— सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। कोरोना (Corona) के इलाज में कारगर माने जा प्लाजमा थेरेपी (Plasma therapy) के उपयोग को क्लीनिकल मैनेजमेंट के दिशा—निर्देश से हटा दिया गया है। प्लाजमा थेरेपी पर किए गए एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि यह गंभीर बीमारी को दूर करने व मौत के मामलों को कम करने में फायदेमंद है। इसके बाद सरकार ने कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए क्लीनिकल कंसल्टेशन में संशोधन करते हुए प्लाजमा थेरेपी के उपयोग को बंद कर दिया है।

जानकारी के अनुसार कोरोना के इलाज से प्लाजमा थेरेपी को इसलिए हटा दिया गया है क्योंकि इस पर कराए गए स्टडी में यह पाया गया कि प्लाजमा थेरेपी इलाज कारगर नहीं है। हालांकि यह भी नहीं साबित हुआ है कि इससे फायदा नहीं हो रहा है। बता दे कि प्लाजमा थेरेपी शुरुआत में कोरोना के इलाज का हिस्सा नहीं थी। इसे बाद में शामिल किया गया था और अब हटा दिया गया है।

11 हजार मरीजों पर किया गया ट्रायल

सूत्रों की मानें तो भारत व अन्य देशों में किए गए ट्रायल के बाद प्लाजा थेरेपी को इलाज से हटाने का फैसला लिया गया है। भारत, ब्रिटेन, अमेरिका और अर्जेंटीना में 11 हजार मरीजों पर किए गए ट्रायल के एनालिसिस में पाया गया कि थेरेपी इलाज में कारगर नहीं है। जानकारी के मुताबिक भारत में गत वर्ष अप्रैल से अगस्त तक ट्रायल किया गया था। इसका ट्रायल गंभीर मामलों और मृत्यु दर के संदर्भ में किया गया था। लेकिन ट्रायल में इसका कोई कारगर परिणाम नहीं दिखा। वहीं इससे नुकसान भी कुछ नहीं है।

गौरतलब है कि गत सप्ताह कोविड-19 के लिए गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स-आईसीएमआर की हुई बैठक में सभी सदस्य प्लाज्मा थेरेपी को क्लीनिकल मैनेजमेंट दिशा-निर्देश से हटाने पर अपनी सहमति जताई थी। फिलहाल कोरोना के उपचार में अब तक कई तरह के बदलाव एि जा चुके हैं। सरकार ने जिस प्लाजमा थेरेपी को बंद करने का फैसला लिया है, उसपर अब तक यह कहा जा रहा था कि प्लाजमा थेरेपी कोरोना का सबसे मुफीद इलाज है। इतना ही नहीं कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों से प्लाजमा डोनेट करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा था।

Raghvendra Prasad Mishra

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